हेमंत शर्मा, इंदौर। अरबिंदो कॉलेज में फर्जी एनआरआई सर्टिफिकेट के माध्यम से एडमिशन लेने का मामला सामने आया है। कॉलेज प्रबंधन ने सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन के लिए जब एंबेसी भेजा तो 33 मिनट में ही सर्टिफिकेट को फर्जी घोषित कर दिया गया, जिसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने बलदेव रामानी नमक छात्र का एडमिशन रद्द कर दिया और इस पूरे मामले की शिकायत भी की है।

मामला बड़े रैकेट का हिस्सा

फर्जी सर्टिफिकेट ट्रेजर टाउन निवासी बलदेव रामानी के नाम से बनवाया गया था। यह सर्टिफिकेट 7 जुलाई को गुरुशरण सिंह के नाम पर जारी दिखाया गया, जिसमें उसे मूल निवासी जालंधर और 2020 से बेलारूस का रेजिडेंट बताया गया। यही नहीं, इसी फर्जी एनआरआई सर्टिफिकेट के आधार पर छात्र को डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन काउंसलिंग में सीट भी अलॉट हो चुकी थी।

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गिरोह का पर्दाफाश होगा

घोटाले का पता चलते ही कॉलेज ने मामले की जानकारी मेडिकल एजुकेशन विभाग, सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियों को दे दी है। शुरुआती जांच में आशंका जताई जा रही है कि यह सिर्फ एक छात्र का मामला नहीं बल्कि बड़े रैकेट का हिस्सा हो सकता है। यह खुलासा अगर जांच में साबित होता है, तो मेडिकल एडमिशन में फर्जी एनआरआई कोटे पर सीटें हथियाने वाले गिरोह का पर्दाफाश होगा।

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बेलारूस की इंडियन एंबेसी द्वारा एनआरआई सर्टिफिकेट जारी

इस फर्जी सर्टिफिकेट मामले में जल्द ही फिर भी दर्ज कॉलेज प्रबंधन की तरफ से करवाई जा सकती है हालांकि इस पूरे मामले में जब छात्र के परिजनों से सर्टिफिकेट को लेकर पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि सर्टिफिकेट रिश्तेदार के द्वारा बनवा कर दिया गया है। गोविंद रामानी निवासी ट्रेजर टाउन बीजलपुर इंदौर की नीट में सपोर्ट 276 और ऑल इंडिया रैंक 5 लाख 15 हज़ार 276 थी। एमबीबीएस के लिए बेलारूस की इंडियन एंबेसी द्वारा एनआरआई सर्टिफिकेट जारी करना बताया गया था।

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