दीपक सोहले, बुरहानपुर. एमपी में झोला छाप डॉक्टर धड़ल्ले से अपना क्लिनिक चला रहे हैं. बुरहानपुर में CMHO ने एक झोला छाप डॉक्टर को रंगेहाथों पकड़ लिया. बावजूद इसके उन्होंने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. ऐसे अब सवाल खड़ा होता है कि क्या सीएमएचओ के झोला छाप डॉक्टर से मिलीभगत तो नहीं है? आखिर क्यों बिना कोई एक्शन लिए अधिकारी लौट गया?

यह मामला ग्राम पातोंडा का है. दरअसल, गुरुवार को सीएमएचओ डॉ राजेश सिसौदिया ने झोला छाप डॉक्टर के क्लिनिक पहुंचे. जहां वो एक मरीज को इंजेक्शन लगा रहा था. जबकि दूसरे मरीज को सलाइन भी लगी हुई थी. डॉक्टर के पास किसी प्रकार से कोई डिग्री भी नहीं पाई गई. लेकिन साहब ने तो बस निरीक्षण किया और चलते बने.

वैसे तो क्लिनिक के बाहर लगे बोर्ड में झोला छाप डॉक्टर ने BUMS (Bachelor of Unani Medicine and Surgery) और BEMS (Bachelor of Electro-Homeopathy Medicine and Surgery) डिग्री दर्शाया था. लेकिन मौके से कोई डिग्री नहीं मिला. बिना कार्रवाई के सीएमएचओ का इस प्रकार से लौटना उसके कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है.

इधर, सीएमएचओ ने खुद माना है कि डॉक्टर के पास कोई भी दस्तावेज नहीं थे. वह पनी पेथी से हटकर कार्य करते पाए गए. उन्होंने जांच के बाद क्लिनिक सील करने की बात कही है. लेकिन स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला जी को ऐसे झोला छाप डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का प्रावधान बनाना चाहिए. लेकिन मंत्री साहब तो इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं.

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H