बुरहानपुर। कोरोना काल में बुरहानपुर के केला उत्पादक किसानों के लिए अच्छी खबर है. बुरहानपुर के केले की विदेशो में पूछ-परख बढ गई है. जिसके परिणाम स्वरूप एक बार फिर बुरहानपुर का केला सात समंदर पार एक्पोर्ट होना शुरू हो गया है.
मप्र महाराष्ट्र सीमा से सटा बुरहानपुर, पूरे प्रदेश में बुरहानपुर एक मात्र केले की मंडी है. जहां से केला उत्तर भारत, दक्षिण भारत में निर्यात होता है. साथ ही बुरहानपुर के केले का एक्सपोर्ट कई देशों में भी हो रहा था. लेकिन बिहार, उत्तर प्रदेश और गुजरात में केले का उत्पादन शुरू होने ट्रांस्पोर्ट लागत में कमी के चलते बुरहानपुर केले की मांग में गिरावट आई थी.
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वहीं कोरोना के साथ लॉकडाउन और बीच-बीच में आने वाले बेमौसम बरसात, आंधी तूफान ने भी फसल को बर्बाद कर दिया. लॉकडाउन में ट्रांस्पोर्ट सेवा बंद रहने के कारण केला उत्पादक किसान का केला खेत में खराब हो गया. वहीं असमय आने वाली आंधी तुफान से किसानों की करोडों की खड़ी केले के फसल तबाह हो गई. आलम यह है कि किसानों का अब केला फसल से मोह भंग हो गया.
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हालांकि कोरोना में इम्युनिटी बढाने के लिए केले के सेवन को कारगर माना गया है. साथ ही बुरहानपुर की काली मिट्टी में उपजने वाले केले में वह तमाम जरूरी कंटेंट हैं जो, कोरोना के खिलाफ इम्युनिटी को बढाने की जरूरत है. बुरहानपुर केले की मांग एक बार फिर विदेशो में शुरू हो गई. हाल ही में जिले के फोपनार के किसान के खेत में लगे 36 टन केले का निर्यात विभिन्न देशों के लिए किया गया. किसान का चेहरा खिल गया है.
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देखिये वीडियो:
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