कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। शहर के एयर क्वालिटी इंडेक्स को सुधारने कलेक्टर रुचिका चौहान ने खेतों  में पराली जलाने वाले किसानों पर सख्ती दिखाई है। जिले के 17 किसानो को पराली जलाना भारी पड़ा, कलेक्टर ने पराली जलाने वाले 17 किसानों पर जुर्माने की कार्रवाई की है। यह सभी किसान चीनौर, भितरवार और घाटीगाँव तहसील के अलग गांव के रहने वाके है।

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जिले भर में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से धान की पराली और गेहूँ सहित अन्य फसलों के अवशेष जलाने की आदात पर सख्ती से रोक लगाने के लिए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी रुचिका चौहान ने प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किया है। इस आदेश का उल्लंघन कर पराली जलाना चीनौर, भितरवार और घाटीगाँव तहसील के अलग अलग गांव में रहने वाले 17 किसानों को भारी पड़ा है। संबंधित क्षेत्रीय एसडीएम की अध्यक्षता में गठित समिति ने इन किसानों पर 2500 – 2500 रूपए प्रति घटना के हिसाब से अर्थदण्ड जुर्माना लगाया है। 

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जिले में किसानों को फसल अवशेष न जलाने के लिये लगातार जागरूक किया जा रहा है। इसके बावजूद जो किसान प्रतिबंधात्मक आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं, उन पर अब जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जा रही है। राज्य शासन के पर्यावरण विभाग द्वारा दिए गए अधिकारों के तहत कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी चौहान ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर स्पष्ट किया है कि यदि किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा खेत में फसल अवशेष जलाने की कोशिश की तो उसे अर्थदण्ड भुगतना होगा। इसी कड़ी में अनुविभागीय दण्डाधिकारी भितरवार डी एन सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति ने पराली जलाने वाले एक दर्जन किसानों पर जुर्माना लगाया गया है।

आपको बता दे कि जारी किए गए प्रतिबंधात्मक आदेश में स्पष्ट किया गया था कि दो एकड़ या उससे कम जमीन में नरवाई (फसल अवशेष) जलाने पर खेत मालिक को 2500 रूपए प्रति घटना अर्थदण्ड देना होगा। इसी तरह दो एकड़ से अधिक लेकिन पाँच एकड़ से कम जमीन में नरवाई जलाने पर खेत मालिक को पाँच हजार रूपए प्रति घटना और पाँच एकड़ से अधिक जमीन पर नरवाई जलाने पर 15 हजार रूपए प्रति घटना जुर्माना भुगतना होगा। कलेक्टर रुचिका चौहान का यह भी कहना है कि कृषि विशेषज्ञों के अनुसार पराली जलाने से न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है,बल्कि खेत के पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते हैं। किसान भाई धान के खेत में सुपर सीडर के जरिए बोनी कर धन और समय बचाने के साथ-साथ खेत की उत्पादक क्षमता बरकरार रख सकते हैं। कलेक्टर  रुचिका चौहान ने किसानों से अपील की है कि वे पराली – नरवाई जलाने की जगह उसे भूसा बनाकर पशु चारे के लिए उपयोग करें।

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