शिखिल ब्यौहार। भोपाल मध्य प्रदेश में दो विधानसभा उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही प्रमुख दलों ने अपने-अपने प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतार दिया है। लेकिन, इस बार का विधानसभा उपचुनाव प्रत्याशियों और पार्टी के साथ उन नेताओं के लिए अहम हो गया है जो सियासी शतरंज में मात खा गए थे। लिहाजा प्रतिष्ठा के अलावा प्रतिशोध के लिए चुनावी मैदान में प्रत्याशियों के साथ ही ताल ठोक रहे हैं। 

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स्वाभाविक है कि इस बार भितरघात और बागियों से ज्यादा सावधानी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं। हर चुनाव को पूरी ताकत से लड़ने वाली बीजेपी की तुलना में कांग्रेस ज्यादा सचेत है। एक कहावत है कि दूध से जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है। ऐसे में कांग्रेस माइक्रो प्लानिंग के साथ मॉनिटरिंग में जुटी है। कांग्रेस के अंदर खेमे में यह चर्चा है कि विजयपुर में कांग्रेस की स्थिति बुधनी विधानसभा से ज्यादा बेहतर है। यहां बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे नीटू सिकरवार पूरा दम लगा रहे हैं। 

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दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान नीटू की हार का सबसे बड़ा कारण राम निवास रावत की बीजेपी में एंट्री थी। जबकि लोकसभा चुनाव में मुरैना सीट पर जीत को लेकर कांग्रेस आश्वस्त थी। सियासी दांव में रावत ने बीजेपी का दामन थामा और नीटू कड़ी टक्कर के बाद शिवमंगल सिंह तोमर से हारे। अब उपचुनाव में रामनिवास रावत से राजनीतिक प्रतिशोध के लिए सिकरवार परिवार प्रतिष्ठात्मक चुनाव लड़ रहा है। उधर, बीते विधानसभा चुनाव में बुदनी से बड़ी संख्या में कांग्रेसी बीजेपी में शामिल हुए। तो दूसरी ओर बुधनी उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार पटेल 1993 में इसी सीट से विधायक भी रहे हैं। 

उधर, शिवराज सिंह चौहान के गढ़ बुधनी में बीजेपी प्रत्याशी रमाकांत भार्गव की जीत के लिए कार्तिकेय चौहान पहली बार फुल फ्लैश चुनावी प्रबंधन की कमान संभाले हुए हैं। हाल ही में बुधनी उपचुनाव को लेकर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की बैठक में दो दावेदार भी नदारत रहे। अब दोनों ही सीटों पर सियासी घमासान और बीते चुनावी समीकरणों को देखते हुए कांग्रेस के साथ बीजेपी भी फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है। रणनीति के तहत न सिर्फ क्षेत्रीय बल्कि दिग्गजों को अंडर कवर की जिम्मेदारी तय की जा रही है। एक-एक जानकारी प्रभारी समेत मुख्यालय पर भी तत्काल भेजी जाएगी।

बीजेपी-कांग्रेस का बयान  

मामले पर कांग्रेस ने कहा कि हर चुनाव महत्वपूर्ण होते हैं। लेकिन, यह उपचुनाव कई मायनों में अहम हैं। कांग्रेस हर स्तर पर तैयार है। बीजेपी के चुनावी षड्यंत्र के कई उदाहरण हमारे सामने हैं। हमारी अपनी रणनीति है, जनता का साथ भी हाथ के पंजे के साथ है। उधर, बीजेपी ने भी दावा किया कि पार्टी हर वक्त चुनावी मोड में रहती है। जनता का भरोसा कमल के साथ है। बता दें कि दोनों ही सीटों पर आगामी 13  नवंबर को मतदान और 23  नवंबर को मतगणना होगी।

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