हेमंत शर्मा, इंदौर। कन्फेक्शनरी माफिया संजय जैसवानी के खिलाफ उठे सवालों से घिरे कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट ने अचानक प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़ दी। यह घटना तब हुई जब Lalluram.com के रिपोर्टर हेमंत शर्मा ने माफिया संजय जैसवानी को लेकर मंत्री से सीधा सवाल किया। संजय जैसवानी को बचाने के आरोप मंत्री जी आप पर क्यों लग रहे हैं, इस पर मंत्री ने सीधा जवाब देते हुए कहा, “न्याय से बड़ा कोई नहीं है, जो दोषी है उसे सजा जरूर मिलेगी।” लेकिन जब सवाल यह किया गया कि क्या संजय जैसवानी आपके नाम का दुरुपयोग कर रहा है और क्या आप इस मामले की शिकायत पुलिस से करेंगे, तो मंत्री चुप हो गए और प्रेस कॉन्फ्रेंस बीच में छोड़कर चले गए। सवाल पूछने के बाद नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे के केबिन में औपचारिक चर्चा के लिए बैठे दो कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट ने रिपोर्टर हेमंत शर्मा को कहा तुम अभी मुझे अच्छे से जानते नहीं हो। जब रिपोर्टर ने कहा मैं आपको अच्छे से जानता हूं तो मंत्री ने कहा मैं बोल रहा हूं तुम मुझे बिल्कुल नहीं जानते हो इससे साफ तौर पर समझा जा सकता है कि जब जैसवानी के साथ कैबिनेट मंत्री के संबंधों को उजागर किया तो वह इससे तिल मिल गए और रिपोर्टर को धमकी देने लगे।

कन्फेक्शनरी माफिया पर मंत्री का संरक्षण?

सूत्रों के मुताबिक, कन्फेक्शनरी माफिया संजय जैसवानी को कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट का संरक्षण प्राप्त है। राजेश पांडे और पप्पू शर्मा, जो मंत्री के करीबी समर्थक माने जाते हैं, पर आरोप है कि वे पुलिस थानों में जैसवानी के मामलों की “सेटिंग” कर रहे हैं। बताया जाता है कि इन दोनों समर्थकों ने एक विदेशी नागरिक को बंधक बनाने में भी भूमिका निभाई थी। राजेश पांडे पर पूर्व में हत्या के प्रयास और अन्य गंभीर अपराधों के मामले भी दर्ज हो रहे चुके हैं।

मामले का राजनीतिक मोड़

इस मामले ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। कैबिनेट मंत्री द्वारा सवालों का जवाब न देना और प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर चले जाना, लोगों के बीच संदेह पैदा कर रहा है कि कहीं माफिया संजय जैसवानी को बचाने में मंत्री का हाथ तो नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित इन्वेस्टर समिट में जिस विदेशी नागरिक ने इंदौर में निवेश किया था, उसके मामले में न्याय मिलेगा या नहीं, यह सवाल भी अब चर्चा में है। इस पूरे मामले में अब सभी की निगाहें पुलिस पर टिकी हैं। क्या पुलिस कमिश्नर इस मामले की सही तरीके से जांच करेंगे? क्या कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट अपनी सफाई देंगे? इन सवालों के जवाब अभी बाकी हैं, लेकिन जनता की नजरें इस पर लगी हुई हैं कि आखिर संजय जैसवानी को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा या नहीं।

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