कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ और लल्लूराम.कॉम के इंदौर संवाददाता हेमंत शर्मा से “औकात नही है तो बात मत करो” जैसे अभद्र शब्दो को बोलने वाले एडिशनल डीसीपी आलोक शर्मा की इस भाषा पर प्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय और उद्यानिकी मंत्री नारायण सिंह कुशवाह का बयान सामने आया है। मंत्री कुशवाह ने कहा कि किसी भी जिम्मेदार पद पर बैठे जनप्रतिनिधि, अधिकारी या कर्मचारी को अपनी भाषा में संयम बरतना चाहिए। ऐसी कोई भी बात या शब्दावली नहीं होनी चाहिए, जिससे किसी का अपमान हो।
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उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश में ऐसी अभद्रता के मामलों में शासन-प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है, क्योंकि कानून सभी के लिए समान है। मंत्री ने आगे कहा कि यदि ऐसा व्यवहार हुआ है, तो यह गलत है, लेकिन परिस्थितियों की जांच भी जरूरी है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हर मामले पर गंभीरता से नजर रखते हैं और गलती पाए जाने पर त्वरित कार्रवाई करते हैं।
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