
चंकी बाजपेयी, इंदौर। भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में घर के बाहर कचरा फेंकने से प्रताड़ित होकर आत्महत्या करने का मामले में 6 साल के बाद परिवाद के आदेश पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है।
एडिशनल डीजीपी राम स्नेही मिश्रा ने बताया कि 31 जुलाई 2019 को बजरंग नगर में रहने वाले शंकर लाल में अपने ही निवास पर आत्महत्या कर ली थी। मृतक ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था। प्रारंभिक जांच पड़ताल की गई थी लेकिन किसी तरह का कोई तथ्य नहीं सामने आया था। मृतक शंकर लाल के परिजनों द्वारा एक परिवाद लगाया गया था। इस परिवाद के आधार पर 306 के तहत आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की धाराओं में रामअवतार धाम के खिलाफ दर्ज प्रकरण में आरोपी बनाए गए पक्ष के द्वारा मृतक शंकर लाल के घर के बाहर हमेशा कचरा फेंका जाता था और गलत इल्जाम मृतक पर ही लगाया जाता था। इससे वह काफी परेशान हो गया और उसी के कारण उसने आत्महत्या की थी। अब पुलिस पूरे मामले में प्रकरण के आधार पर जांच पड़ताल में दोबारा 6 साल बाद जुट गई है।
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बाइट राम स्नेही मिश्रा एडिशनल डीसीपी इंदौर
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