भोपाल. ‘आज का आयोजन बताता है कि विश्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समय चल रहा है। देश ऐसे ही नहीं बदलता है। देश के बदलने के लिए मन के संकल्पों की जरूरत होती है। इन संकल्पों में नवीनता भी होती है, विविधता भी होती है। यह मंच न केवल विक्रेताओं का है, बल्कि खरीदारों का भी है। यह अपने आप में नया प्रयोग और नया संकल्प है। जब देश 1947 में आजाद हुआ तब भारत की अर्थव्यवस्था 15वें नंबर पर थी। जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने उस वक्त भारत की अर्थव्यवस्था 11वें नंबर पर थी। आज भारत ने करवट बदली है। आज भारत विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था है।’ यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 31 जुलाई को कही। सीएम डॉ. यादव नई दिल्ली में आयोजित बीएसएल ग्लोबल आउटरीच समिट-2025 को संबोधित कर रहे थे। सीएम डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम में कई बिजनेसमैन को अवॉर्ड भी प्रदान किए। उन्होंने कई उद्योगपतियों के साथ राउंड टेबल चर्चा और वन-टू-वन संवाद किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार उद्योगपतियों की हर तरह की मदद करने के लिए तैयार है। हम रोजगार परक उद्योग में काम करने वाली महिला के लिए 6 हजार रुपये प्रति वर्कर देने को तैयार हैं।

कार्यक्रम में सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ये बदलते दौर का भारत है। भारत में नवाचार हो रहे हैं। मुझे गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में व्यापार-व्यवसाय को रोकने वाले कानून बदले गए। हमने भी मध्यप्रदेश के उन 42 कानूनों को रद्द कर दिया जो व्यापार में अड़चनें पैदा करते थे। मध्यप्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए 29 प्रकार की अनुमतियां लगती थीं। इन्हें पूरा करने में ही दो साल निकल जाते थे। हमने इन अनुमतियों को 29 से घटाकर 10 कर दिया। उद्योगों को शुरू करने के लिए मदद की जरूरत होती है। हम पानी-बिजली को लेकर सब्सिडी दे रहे हैं।

प्रतिकूलता को हराकर अनुकूलताओं पर फोकस जरूरी

उन्होंने उद्योगपतियों से कहा कि अगर आप अपने रोजगार परक उद्योगों में महिलाओं को काम देते हैं तो हम दस साल तक 6 हजार रुपये प्रति महिला देने को तैयार हैं। मध्यप्रदेश सरकार की सारी छूटों को मिला दिया जाए तो रोजगार परक उद्योग के लिए यह 200 फीसदी हो जाती है। मेक इन इंडिया का सपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साकार हो रहा है। भारत में असीमित विविधताएं हैं। हमें प्रतिकूलताओं को पराजित करके अनूकूलता पर ध्यान देने की जरूरत है। हमारी सरकार हर सेक्टर को आगे बढ़ा रही है।

एमपी को टेक्सटाइल हब बनाने पर चर्चा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नई दिल्ली में भारत मंडपम के कन्वेंशन सेंटर में टेक्सटाइल-गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ राउंड टेबल चर्चा की। इस दौरान मध्यप्रदेश को टेक्सटाइल हब बनाने के विजन पर चर्चा हुई। इसमें निवेश, रोजगार और ‘मेक इन एमपी’ की संभावनाओं को नई दिशा मिली। इस दौरान सीएम डॉ. यादव ने कहा कि सबसे पहले मैं बीएसएल आउटरीच समिट के आयोजकों को इस महत्वपूर्ण मंच के लिए धन्यवाद देता हूं। यह दो-दिवसीय कार्यक्रम भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के बीच एक सेतु का काम कर रहा है। आज मैं आपके सामने मध्यप्रदेश का संदेश लेकर आया हूं। भारत का दिल, अब दुनिया की टेक्सटाइल और गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग का नया केंद्र बन गया है। मध्यप्रदेश भारत के प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में से एक है। हमारे यहां प्रतिवर्ष लगभग 18 लाख गांठ कपास का उत्पादन होता है।

हम उद्योगपतियों की हर जरूरत पूरी करेंगे- सीएम डॉ. यादव

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात हम जैविक कपास के अग्रणी उत्पादक हैं। हमारे यहां जीओटीएस प्रमाणित कृषक समूह सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। ‘खेत से कपड़े तक’ की पूरी वैल्यू चेन में हम आपके साथी बन सकते हैं। हमारी नई औ‌द्योगिक नीति 2025 तैयार है। यह उ‌द्योगों और निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए अनुकूल वातावरण देती है। ‘मेड इन एमपी’ उत्पादों की वैश्विक बाजार तक पहुंच का हमारा लक्ष्य है। हमारे सभी प्रोत्साहन सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर होते हैं। आपकी जो भी जरूरतें हों हमारे उद्योग को इन सब के मुताबिक बनाने की पूरी जिम्मेदारी हमारी है। हम पहले से तैयारी करते हैं। आप बताइए, हम पूरा करेंगे। आप जो मापदंड चाहते हैं, हम उससे भी ऊंचे मापदंड देने को तैयार हैं। “मध्य प्रदेश = आपकी ग्लोबल फैक्ट्री” पीएम मित्र पार्क के साथ हमारे पास बड़े पैमाने पर काम करने की असीमित क्षमता है।

सिंगल विंडो सिस्टम से काम

उन्होंने कहा कि बाजार तक पहुंचने का समय कम, परिवहन की लागत कम, कार्यक्षमता ज्यादा यह हमारा भरोसा है। हम आपको 30 दिन के अंदर अपना व्यापार शुरू करने की गारंटी देते हैं। हमारा सिंगल विंडो सिस्टम सब कुछ एक जगह उपलब्ध कराता है। ऑनलाइन मंजूरी, टाइम बाऊंड अप्रूवल्स और सबसे ऊंचे स्तर से मॉनिटरींग होती है। आपके पर्यावरण के लक्ष्यों को पूरा करने में हम आपके साथी हैं। हमारी सरकार ईएसजी मूल्यों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हम जल संरक्षण और श्रम मानकों में सुधार पर फोकस करते हैं। हम केवल कारखाने नहीं, बल्कि प्रकृति के अनुकूल कारखाने लगा रहे हैं। स्वच्छ ऊर्जा, पानी की बर्बादी रोकना, जैविक कपास यह सब हमारी पहली प्राथमिकता है। आज के बाद अगर आप मध्य प्रदेश को गंभीरता से विचार करते हैं, तो हम आपको निराश नहीं करेंगे। हम चाहते हैं कि आप हमारे राज्य आएं, हकीकत देखें, और फिर फैसला करें। आपकी सफलता, हमारी सफलता है।

उद्योग आधारित छवि बना रहा मध्यप्रदेश

कार्यक्रम के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव ने मीडिया से कहा कि सरकार द्वारा टेक्सटाइल इंडस्ट्री को लगातार प्रमोट किया जा रहा है। हमारे राज्य में कपास का उत्पादन बहुत अच्छे से होता है और कपास के उत्पादन से हमने धागा बनाने से लेकर कपड़े बनाने तक, कपड़े से रेडीमेड बायर-सेलर ,खरीददार और निर्माता सबका एक प्लेटफार्म तैयार किया है। देश के अंदर भी, और देश बाहर भी। आज बीएसएल द्वारा एक अच्छा और अनूठा आयोजन किया गया। इसमें इंडस्ट्री से जुड़े हुए देशभर के और दुनिया भर के बड़े-बड़े सुनामधन्य हस्तियों को एकत्रित किया गया। ये उद्योगपति न केवल निर्माण इकाइयों से अपना व्यवसाय करते हैं, बल्कि अपनी व्यवसाय से दुनिया में अपनी एक अलग साख बनाते हैं। वॉलमार्ट से लगाकर सारे बड़े-बड़े ग्रुप यहां मौजूद थे। मुझे इस बात का संतोष है कि मध्यप्रदेश सरकार की सभी लोक कल्याणकारी नीतियों के साथ-साथ उत्पादन प्रेमी नीतियां बना करके हमने सब प्रकार से निर्माण इकाइयों को प्रोत्साहन देने के लिए अपनी सभी पॉलिसियों पर विस्तार से बात की है। आज बड़े-बड़े व्यवसायियों वन टू वन संवाद किया है। मध्यप्रदेश अपनी उद्योग आधारित छवि बनाते हुए कई प्रकार से उद्यमियों को आमंत्रित कर रहा है और उसका अच्छा रिस्पांस मिला है।

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