भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज वनाधिकार एवं पेसा अधिनियम से जुड़ी टास्क फोर्स की बैठक ली। इस दौरान आदिवासी हितों से जुड़े कानूनों को लेकर रणनीति तय की गई। साथ ही सीएम ने निर्देश दिया कि वन भूमि पर नए अतिक्रमण पर सख्ती से रोक लगाई जाए।

31 दिसंबर तक व्यक्तिगत एवं सामुदायिक दावों के निराकरण के निर्देश

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि वनाधिकार अधिनियम के अंतर्गत व्यक्तिगत एवं सामुदायिक दावों का 31 दिसंबर 2025 तक हर हाल में निराकरण किया जाए। पेसा मोबिलाइजर्स की भूमिका फील्ड में प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देनी चाहिए।

ग्राम सभाओं को पेसा मोबिलाइजर की नियुक्ति और सेवा समाप्ति का अधिकार

सीएम डॉ. मोहन यादव ने इस बैठक में यह भी कहा कि अब पेसा मोबिलाइजर की नियुक्ति और सेवा समाप्ति का अधिकार ग्राम सभाओं को सौंपा जाएगा। जिससे स्थानीय सहभागिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके। उन्होंने वन भूमि पर किसी भी प्रकार के नए अतिक्रमण पर सख्ती से रोक लगाने के भी निर्देश दिए। जिससे सतत निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

गौरतलब है कि बीते दिनों देवास जिले के खातेगांव में वन विभाग ने खिवनी अभ्यारण्य के लिए 80 झोपड़ियों को उजाड़ दिया था। जिसकी वजह से इस बारिश में उनकी रहने की समस्या उत्पन्न हो गई थी। मामला सामने आने के बाद सीएम ने इस घटना पर फौरन संज्ञान लिया था और मंत्री विजय शाह को घटनास्थल का दौरा करने के निर्देश दिए थे। 

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