सुधीर दंडोतिया, भोपाल। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि धर्म की रक्षा और अधर्मियों का नाश करने स्वयं भगवान को श्रीकृष्ण स्वरूप में पृथ्वी पर आना पड़ा। उन्होंने संसार को पाप, अधर्म, अत्याचार से मुक्त कर धर्म की स्थापना की। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के नागरिकों विशेषकर युवाओं से भौतिकता की चमक-दमक में अपने पौराणिक इतिहास को विस्मृत न होने देने और जन्माष्टमी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाने का आह्वान किया है।

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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नन्हे कान्हा से योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण बनने के लिए घनश्याम श्रीकृष्ण को मनुष्य की भांति जीवन की अनेक बाधाएं, संघर्ष, दु:ख, कष्ट, अपमान तथा पीड़ाओं को सहन करना पड़ा। भगवान श्रीकृष्ण ने संसार को फल की इच्छा छोड़कर केवल अच्छे कर्म कर स्वयं पर विश्वास करने की शिक्षा दी। संसार को भगवान श्रीकृष्ण से मित्रता की जो शिक्षा मिली, वह अनुकरणीय है। श्रीकृष्ण ने नारी सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उनका आदर्श जीवन हर युग में प्रासंगिक और प्रेरणादायी है।

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जीवन में जो पाया है उसे बांटने की हिम्मत रखना- मोहन यादव 

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि श्रीकृष्ण जी का जीवन अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि जीवन में जो पाया है उसे बांटने की हिम्मत रखना, किसी से घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने सभी से कहा कि धर्म मार्ग पर चलना, वीरता धारण करना, दया रखना गौ पालन करना यही श्रीकृष्ण की हमारे लिए सबसे बड़ी सीख है।  

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