शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश में एक्शन मोड में काम कर रहे हैं। एक के बाद एक विकास के मॉडल से प्रदेश की तस्वीर बदलने के कयास कर रहे हैं। वहीं कई ऐसी पुरानी परियोजनाओं को पुनर्जीवित भी कर रहे हैं, जिन्हें तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बंद कर दिया था। वहीं सीएम ने उनके एक और फैसले को पलट दिया है और सीपीए (CPA) का गठन करने जा रहे हैं। इस फैसले के बाद भोपाल देश की पहली ऐसी राजधानी होगी, जहां 68 साल बाद सीपीए का गठन होगा। 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सीपीए प्रोजेक्ट के संबंध में आवास और शहरी विकास एवं ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की। राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) के संबंध में राशि आवंटित करने का निवेदन किया गया। सरकार ने इसे पुन: जीवित करने का फैसला लिया है। विकास की गतिविधियों में कारगर इकाई के रूप में काम करेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि भोपाल नगर में राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) सड़कों, पार्कों और भवनों के निर्माण, विकास और रख-रखाव के अलावा नजूल भूमि की सुरक्षा और विकास के कार्य करने वाली संस्था रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केंद्रीय मंत्री से सीपीए को पुनर्जीवित करने के लिए केंद्रीय मंत्रालय से आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि सीपीए के पुनर्जीवित होने से यह पुनः भोपाल शहर की विकास गतिविधियों में योगदान दे सकेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने इस संबंध में हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।

शिवराज सिंह ने सीपीए को बना दिया था इतिहास

बता दें कि अप्रैल 2022 से शिवराज सिंह चौहान ने सीपीए का अस्तित्व खत्म कर दिया था। जिसके बाद सीपीए दो हिस्सों में बंट गया। बिल्डिंग-सड़कों का काम PWD देख रहा था। वहीं वन विभाग के जिम्मे 7 बड़े पार्क कर दिए गए थे। शहर की 8% सड़कों की देखरेख करने वाले CPA को तत्कालीन CM शिवराज सिंह चौहान की नाराजगी भारी पड़ी थी।

सड़कों के मुद्दे पर 20 अगस्त को उन्होंने मंत्रालय में बड़ी मीटिंग बुलाई थी। इसी दौरान उन्होंने सीपीए को खत्म करने के निर्देश दे दिए थे। इसके बाद प्रस्ताव बने और कई बैठकें हुईं। मार्च में कैबिनेट में मंजूरी का ठप्पा लगा और 17 मार्च को आदेश निकलते ही सीपीए इतिहास बन गया।
मंत्रालय, विधानसभा भवन समेत प्रमुख भवनों के रखरखाव का काम देखता था सीपीए

सीपीए मंत्रालय, विधानसभा भवन, विधायक विश्रामगृह, शहीद स्मारक, पर्यावास भवन, गैस राहत एवं पुनर्वास विभाग के चिकित्सालय, डिस्पेंसरी, आवास और यूनियन कार्बाइड के कचरे का निष्पादन और प्रमुख उद्यानों को संधारित करने का काम देखता था। 

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