सुधीर दंडोतिया, भोपाल।
 मध्य प्रदेश सरकार नेशनल पार्क, टाइगर रिजर्व और वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली जानवरों से खेती को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए स्थायी फिक्स मुआवजा देने की नीति लाने की तैयारी कर रही है। पीएम किसान सम्मान निधि की तर्ज पर कृषि सीजन के हिसाब से यह राशि किसानों को दी जा सकती है। 

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वन विभाग की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार कर राज्य शासन को भेज दिया है। इस नीति के लिए मप्र भू-राजस्व संहिता (एमपीएलआरसी) में संशोधन कर कृषि हानि के 25% नुकसान होने पर ही मुआवजे के प्रावधान के नियम मैं भी संशोधन करना पड़ेगा।

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वन विभाग के मुताबिक प्रदेश में हर साल हिंसक कार्निबोर जंगली जानवरों के हमले से औसतन 50 लोगों की मौत होती है, जबकि औसतन 1500 लोग घायल होते हैं। लेकिन हर्बोबोर जानवरों द्वारा फसलों को भारी नुकसान किया जाता है, जिसके मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं हैं। इस कारण किसान खेतों में करंट की बाड़ लगाते हैं, जिसके कारण वन्यजीवों के साथ ही इंसानों और पालतू जानवरों की भी मौत हो रही है।

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