शिखिल ब्यौहार, भोपाल। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद द्वारा कॉलेज के लिए फर्जी दस्तावेज पेश करने का खुलासा हुआ है।20 साल तक राज्य ने जांच नहीं की और छात्र पीड़ित रहे। मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने कहा – कॉलेज फिलहाल चालू रहेगा, पर नए दाखिले पर रोक लगाते हुए कमिश्नर भोपाल को 3 दिन में FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। मामले की जांच के लिए SIT भी गठित करने कहा है। SIT को 3 महीने में रिपोर्ट अदालत में पेश करनी होगी। मामले की अगली सुनवाई अक्टूबर में होगी।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ एफआईआर करने के निर्देश दिए है, हाईकोर्ट निकाय की तीन दिन के अंदर आरिफ मसूद के खिलाफ एफआईआर दर्ज होना चाहिए वहीं हाईकोर्ट ने डीजीपी को इस मामले में एसआईटी भी गठित करने के निर्देश दिए है।
अमन एजुकेशन सोसाइटी के फर्जीवाड़े की जांच
बता दें कि भोपाल में फर्जी तरीके से कॉलेज चलाने के मामले में हाईकोर्ट ने आरिफ मसूद के खिलाफ एफआईआर करने के निर्देश दिए है। हाईकोर्ट में एडीजी कम्युनिकेशन संजीव समी को एसआईटी का प्रमुख बनाया है साथ ही यह निर्देश दिया है कि वह दो अधिकारी अपने हिसाब से चुनकर इस अमन एजुकेशन सोसाइटी के फर्जीवाड़े की जांच करें।
जारी रहेगा कॉलेज, नहीं होंगे नए ऐडमिशन
वही इस पूरे मामले में हाईकोर्ट ने छात्रों के भविष्य को देखते हुए कहा है कि फिलहाल आरिफ मसूद का कॉलेज जारी रखा जाएगा हालांकि हाईकोर्ट ने नए सत्र के लिए एडमिशन देने पर रोक लगा दी है। वही कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद हाई कोर्ट के स्पेशल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं।
बिना राजनीतिक कनेक्शन के फर्जीवाड़ा संभव नहीं
जस्टिस अतुल श्रीधर की डबल बैंक के मामले की सुनवाई करते हुए हैरानी जताते हुए कहा कि संभव नहीं है कि बिना राजनीतिक संरक्षण के इस तरह से 20 सालों से फर्जीवाड़ा चल रहा हो, हाई कोर्ट ने कहा कि आरिफ मसूद के राजनीतिक कनेक्शन ऐसे है कि, साल 2004 में आरिफ मसूद ने फर्जी सेल डीड दी उसके बाद भी सरकार ने आरिफ मसूद को दोबारा सेल डीड जमा करने के निर्देश दिए लेकिन दोबारा जमा की गई सेल डीड को 20 साल तक किसी ने भी जांचने की हिम्मत नहीं जुटाई ।हाईकोर्ट ने कहा है कि मामले में न केवल आरिफ के खिलाफ कार्रवाई हो बल्कि उन अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई होना चाहिए जिनकी इस पूरे मामले में भूमिका है।
यह है पूरा मामला
भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की अमन एजुकेशन द्वारा संचालित कॉलेज की पिछले दिनों मान्यता रद्द कर दी गई थी। उच्च शिक्षा विभाग ने इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी थी। इसके पहले कॉलेज को अंतरिम मान्यता मिली थी, लेकिन कॉलेज की ओर से जरूरी कागजात और शर्तें पूरी नहीं करने पर विभाग ने मान्यता रद्द कर दी थी।कांग्रेस विधायक आप मसूद पर आरोप है कि उन्होंने संस्था के फर्जी दस्तावेज लगाकर कॉलेज की मान्यता ली थी जिसमें संबंधित अधिकारियों की भी नीली भगत के आरोप लगे थे।

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