शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में बौद्ध धर्म गुरु के विवादित बयान का हिंदू संगठनों ने विरोध जताया है। संस्कृति बचाओ मंच ने सागर भंते के बयान को हिंदू समाज को तोड़ने वाला बताया है। मामले को लेकर कांग्रेस और बीजेपी ने बयान जारी किया है।

हिंदू समाज में अपनी आस्था रखें

संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि भगवान बुद्ध विष्णु के नवें अवतार थे। उन्होंने अहिंसा का पाठ पढ़ाया एवं त्याग की भावना से प्रेरित करने के उद्देश्य हिंदू समाज को एकत्रित कर बौद्ध धर्म की स्थापना की। सागर भंते ने जिस प्रकार से सनातन धर्मियों को डबरा में शपथ दिलाई कि भगवान विष्णु, राम और शिव कृष्ण को नहीं माने यह हिंदू समाज को तोड़ने वाला बयान है। मंच ने सभी सनातन धर्मियों से निवेदन किया है कि वह इस प्रकार के कार्य में सम्मिलित न होकर हिंदू समाज में अपनी आस्था बरकरार रखें, क्योंकि अगर हम आपस में बाटेंगे तो दूसरे समाज इस बात का फायदा उठाएंगे और हमारा शोषण करेंगे।

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बेहद आपत्तिजनक और गंभीर मामला

मामले को लेकर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता मिलन भार्गव ने कहा- किसी को भी किसी धर्म की आस्थाओं पर ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है। इस प्रकार के आयोजन न सिर्फ धर्म बल्कि संविधान विरोधी है। लोकतंत्र में सभी को अपने-अपने धर्म को मानने का अधिकार है। ग्वालियर के कार्यक्रम में सनातन धर्मियों पर किया गया प्रहार बेहद आपत्तिजनक और गंभीर मामला है।सरकार इस मामले में कानून के हिसाब से कदम उठाएगी।

दूसरे धर्म की आलोचना कर धर्मांतरण पर आपत्ति

कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने कहा – बौद्ध को स्वीकार करें इस पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन कोई दूसरे धर्म की आलोचना करके धर्मांतरण करें इस पर आपत्ति है। महात्मा बुद्ध को अवतार बताया गया है। अगर कोई बौद्ध धर्म स्वीकार करता है तो उस पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन किसी धर्म के खिलाफ गलत भावना से बोलकर, आहट कर ऐसा करना बेहद आपत्तिजनक है।

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सामाजिक बराबरी नहीं देते

सरकार और मामले पर कार्रवाई के प्रश्न पर कहा – आप साथ में बिठाते नहीं, आप सामाजिक बराबरी देते नहीं। आप उनको अछूत मानते हो। अपने धार्मिक सामाजिक कार्यक्रमों में उनके पास बैठे नहीं हो। उसे दूसरे दर्जे का अछूत नागरिक मानते हो। कुत्तों के साथ उनका खाने के लिए बिठाते हो तो वह दूसरा धर्म स्वीकार नहीं करेंगे और क्या करेंगे। बार बार ऐसा अहसास कराया जाता है ऐसे में उम्मीद क्या..।

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