कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई विवादित टिप्पणी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान मंत्री विजय शाह को कड़ी फटकार लगाई और उनकी मंशा व ईमानदारी पर सवाल उठाए। कोर्ट ने शाह द्वारा सार्वजनिक माफी न मांगने पर नाराजगी जताते हुए उन्हें 13 अप्रैल तक लिखित माफीनामा पेश करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने विशेष जांच दल (SIT) को कर्नल सोफिया कुरैशी, अभिनेत्री विद्या बालन और पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह से संबंधित बयानों की जांच का दायरा बढ़ाने के आदेश दिए। SIT को इन तीनों मामलों की विस्तृत जांच कर 13 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। 

कांग्रेस नेत्री जया ठाकुर ने दायर की याचिका 

कोर्ट ने SIT की अब तक की जांच में देरी पर भी नाराजगी जताई और सख्ती से निर्देश दिए कि समयबद्ध तरीके से जांच पूरी की जाए। कांग्रेस नेत्री जया ठाकुर ने विजय शाह को मंत्री पद से हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने प्री-मेच्योर बताते हुए खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि SIT की अंतिम रिपोर्ट आने के बाद ही इस तरह की याचिका पर विचार किया जा सकता है। जया ठाकुर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि विजय शाह का बयान संविधान के अनुच्छेद 164(3) के तहत ली गई शपथ का उल्लंघन करता है और यह देश की एकता व धार्मिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाला है। 

क्या है मामला 

यह मामला तब शुरू हुआ जब 11 मई को इंदौर के महू में एक कार्यक्रम के दौरान विजय शाह ने ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनके बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए 14 मई को उनके खिलाफ इंदौर के मानपुर थाने में FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। FIR भारतीय न्याय संहिता की धारा 152, 196(1)(b) और 197(1)(c) के तहत दर्ज की गई, जिसमें देशद्रोह और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।

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हाई कोर्ट ने प्रशासन की ढिलमुल कार्रवाई पर सवाल उठाए और FIR की भाषा को केवल खानापूर्ति करार दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई को इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए तीन सदस्यीय SIT का गठन किया, जिसमें सागर रेंज के तत्कालीन IG प्रमोद वर्मा, SAF DIG कल्याण चक्रवर्ती और डिंडोरी SP वाहिनी सिंह शामिल हैं। SIT ने 20 मई से जांच शुरू की और 125 से अधिक लोगों के बयानों को दर्ज किया। विजय शाह ने अपने बयान पर खेद जताते हुए कर्नल सोफिया को “देश की बहन” बताया और माफी मांगी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी ऑनलाइन माफी को अपर्याप्त माना। कोर्ट ने कहा कि शाह का आचरण उनकी नीयत पर संदेह पैदा करता है और वे अदालत के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं। 

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