अनिल सक्सेना, रायसेन। कोरोना संक्रमण काल में जहां लोगों के आपसी रिश्ते खराब हो रहे हैं, वहीं संक्रमण फैलने के डर से अपने भी मुंह मोड़ रहे हैं. ऐसे समय में एक डॉक्टर अपने कोरोना संक्रमित परिवार को छोड़कर मरीजों की सेवा कर मिसाल पेश कर रहे हैं. वे कोरोना महामारी में परिवार के पॉजिटिव होने के बाद भी दिन-रात मरीजों को देखभाल कर रहे हैं

बाड़ी के प्रभारी डॉक्टर राजा वसीम बख्शी
जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाड़ी के प्रभारी डॉक्टर राजा वसीम बख्शी का एक अलग ही रूप देखने को मिल रहा है. एक तरफ जहां पूरा परिवार कोरोना पॉजिटिव और परिवार के सभी सदस्य भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती हैं, वहीं दूसरी ओर बाड़ी नगर के मरीजों की देखभाल कर रहे राजा वसीम बख्शी परिवार को छोड़कर कोरोना की महामारी से लड़ रहे है. मरीजों का दिन-रात इलाज कर रहे डॉ बख्शी ने बताया कि मेरी मां और मेरी पत्नी कोरोना पॉजिटिव है. इसके बाद भी मैं यहां रहकर कोरोना मरीजों का इलाज कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि ये मरीज भी हमारे अपने हैं. उनकी भी देखभाल करना हमारा फर्ज है.

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सेवा भावना की तारीफ
बात दें कि कोरोना संक्रमण काल में प्रदेश के अस्पतालों में जगह की कमी है. कोरोना संक्रमितों को बड़ी मुश्किल से बेड मिल पा रहे हैं. वहीं कोरोना संक्रमित मरीजों के परिजन द्वारा डॉक्टरों से बदतमीजी और अस्पताल में हंगामे की खबर भी आए दिन आ रही है. ऐसे समय में इस सबसे से हटकर डॉक्टर बख्शी की सेवा भावना की नगर के लोग तारीफ करने से नहीं चूक रहे हैं.

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