हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के दमोह में 7 लोगों की गलत इलाज से जान लेने वाले फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव उर्फ एन जॉन केम को लेकर लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इस बीच आरोपी का इंदौर कनेक्शन सामने आया है। जानकारी मिली है कि फेक डॉक्टर इंदौर की कंसल्टेंसी कंपनियों और निजी अस्पतालों से नौकरी मांग रहा था। लेकिन फर्जी प्रोफाइल देखकर किसी ने उस पर भरोसा नहीं किया। 

कंसल्टेंसी में ईमेल के जरिए भेजा था बायोडाटा

जानकारी के मुताबिक, इंदौर के कनाड़िया रोड स्थित कंसल्टेंसी कंपनी के संचालक पंकज सोनी के पास साल 2020 और फिर 2023 में एन जॉन केम का बायोडाटा ई-मेल के जरिए आया था। उसने विदेशी अस्पतालों और सेमिनारों का हवाला देकर खुद को विशेषज्ञ डॉक्टर बताया था। मगर जब सोनी ने उसकी जांच-पड़ताल की तो कोई प्रमाणिक जानकारी नहीं मिली। 

निजी अस्पताल ने क्वालिफिकेशन और डिग्री पाई थी फर्जी

शक होने पर पंकज सोनी ने बुरहानपुर के एक निजी अस्पताल से संपर्क किया, जहां से पता चला कि जॉन केम पहले भी वहां नौकरी मांग चुका था। लेकिन उसकी डिग्रियां और योग्यताएं फर्जी पाई गई थीं। अस्पताल प्रबंधन ने तब भी उसे नौकरी नहीं दी थी और कंसल्टेंसी को चेतावनी दी थी कि ऐसे व्यक्ति को कहीं भी भेजा न जाए। इसके बावजूद एन जॉन केम ने 7 अगस्त 2024 को फिर से बायोडाटा भेजा। लेकिन इस बार कंसल्टेंसी ने सतर्कता बरतते हुए उसका बायोडाटा किसी को फॉरवर्ड नहीं किया।

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