बीडी शर्मा, दमोह. स्वास्थ्य विभाग ने मिशन अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर अस्पताल बंद करने के आदेश जारी किया है। सीएमएचओ ने अस्पताल को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश जारी किया है। ऐसे में वहां एडमिट मरीजों को तीन दिन के भीतर जिला अस्पताल शिफ्ट करना होगा।
हालांकि, वर्तमान में अस्पताल में कोई मरीज भर्ती नहीं है. अब वहां नए मरीजों के इलाज पर पूर्ण रोक लगा दी गई है। CMHO मुकेश जैन के मुताबिक, अस्पताल को लाइसेंस रिन्यूअल के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा करने का एक सप्ताह का समय दिया गया था।इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन दस्तावेज जमा नहीं किया।अस्पताल में लैब टेक्नीशियन और कार्डियोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं की गई थी। इन कमियों के चलते अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया है।
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राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो दमोह पहुंचे. मानस भवन में सफाई कर्मचारियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं जानी और अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए कि न्यूनतम वेतनमान सभी कर्मचारियों को दिया जाए. वहीं मिशन अस्पताल को लेकर उन्होंने कहा कि मामले में मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी और जिला प्रशासन की भूमिका संदेह के घेरे में रही. बार-बार अस्पताल के संचालक अजय लाल को बचाने का प्रयास किया गया.
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि दमोह के मिशनरी अस्पताल में नरेंद्र विक्रमादित्य यादव नामक शख्स ने डॉ. एन जॉन कैम के नाम से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की। उसने जनवरी-फरवरी 2025 में 15 से ज्यादा हार्ट सर्जरी की, जिनमें से 8 मरीजों की मौत हो चुकी है। जिन मरीजों का ऑपरेशन किया था, उनमें से तीन की मौत एंजियोप्लास्टी के समय हुई थी। जांच में पता चला कि उसकी डिग्री और अनुभव पूरी तरह से फर्जी थे।
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यूपी के प्रयागराज से आरोपी गिरफ्तार
आरोपी फर्जी डॉक्टर एन जॉन कैम लोगों को मौत की नींद सुलाने के बाद उत्तर प्रदेश के प्रयागराज भाग गया था। इस मामले में एमपी के सीएम डॉ मोहन यादव ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे। सूचना मिलते ही दमोह एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने एक टीम प्रयागराज भेजी और आरोपी को गिरफ्तार किया।
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नागरपुर से बनवाए थे फर्जी दस्तावेज, पूर्व उपराष्ट्रपति के फेक हस्ताक्षर से बनाई थी डिग्री
मरीजों की जान लेने वाले डॉक्टर ने महाराष्ट्र के नागपुर से कूटरचित दस्तावेज बनवाए थे। वहीं एक डिग्री पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के भी फर्जी साइन मिले है। दमोह एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने बताया था कि 2013 में एक डिग्री जो उसने पांडिचेरी से ली थी, जिस विश्वविद्यालय से ली थी वहां के कुलपति उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी थे। उनके फर्जी दस्तखत कर उसने एक डिग्री बनाई थी जो पूरी तरह से फर्जी समझ में आ रही है। इसके अलावा और भी फर्जी डिग्रियां उसके पास है। हालांकि कुछ दिन उसने विदेश में जाकर पढ़ाई की है उसके दस्तावेज भी खंगाले जा रहे हैं।
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