बीडी शर्मा, दमोह. 8 मरीजों की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. टीम ने मिशन अस्पताल का कैथ लैब को सील कर दिया है. यह वही कैथ लैब है, जहां पर मरीजों की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की जाती थी.
बता दें कि दमोह मिशनरी अस्पताल में नरेंद्र विक्रमादित्य यादव नामक शख्स ने डॉ. एन जॉन केम के नाम से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की. उसने जनवरी-फरवरी 2025 में 15 से ज्यादा हार्ट सर्जरी की, जिनमें से 8 मरीजों की मौत हो चुकी है. जांच में पता चला कि उसकी डिग्री और अनुभव पूरी तरह से फर्जी थे.
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आरोपी फर्जी डॉक्टर एन. जान. केम लोगों को मौत की नींद सुलाने के बाद उत्तर प्रदेश के प्रयागराज भाग गया था. जिसके बाद एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने एक टीम प्रयागराज भेजी और आरोपी को गिरफ्तार किया. इतना ही नहीं आरोपी ने नागपुर से कूटरचित दस्तावेज बनवाए थे. वहीं एक डिग्री पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के भी फर्जी साइन मिले है.
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