बीडी शर्मा, दमोह. मिशन अस्पताल (Damoh Mission Hospital) के फर्जी डॉक्टर एन जॉन कैम (Fake Doctor N John Cam) की चार दिन की रिमांड खत्म होने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। न्यायालय ने फर्जी डॉक्टर को एक और दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है।

मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि डॉक्यूमेंट की जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद सारे तथ्य सामने आ जाएंगे। वहीं सीएसपी अभिषेक तिवारी ने कहा कि इन्वेस्टिगेशन में कुछ और बाकी है। जिसके आधार पर पूछताछ की जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि पूछताछ में बड़े खुलासे हो सकते हैं। बता दें कि इससे पहले पुलिस को 9 दिन की पहले मिल चुकी है।

ये है पूरा मामला

गौरतलब है कि दमोह के मिशनरी अस्पताल में नरेंद्र विक्रमादित्य यादव नामक शख्स ने डॉ. एन जॉन कैम के नाम से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की। उसने जनवरी-फरवरी 2025 में 15 से ज्यादा हार्ट सर्जरी की, जिनमें से 8 मरीजों की मौत हो चुकी है। जिन मरीजों का ऑपरेशन किया था, उनमें से तीन की मौत एंजियोप्लास्टी के समय हुई थी। जांच में पता चला कि उसकी डिग्री और अनुभव पूरी तरह से फर्जी थे।

यूपी के प्रयागराज से आरोपी गिरफ्तार

आरोपी फर्जी डॉक्टर एन जॉन कैम लोगों को मौत की नींद सुलाने के बाद उत्तर प्रदेश के प्रयागराज भाग गया था। इस मामले में एमपी के सीएम डॉ मोहन यादव ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे। सूचना मिलते ही दमोह एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने एक टीम प्रयागराज भेजी और आरोपी को गिरफ्तार किया।

नागरपुर से बनवाए थे फर्जी दस्तावेज, पूर्व उपराष्ट्रपति के फेक हस्ताक्षर से बनाई थी डिग्री

मरीजों की जान लेने वाले डॉक्टर ने महाराष्ट्र के नागपुर से कूटरचित दस्तावेज बनवाए थे। वहीं एक डिग्री पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के भी फर्जी साइन मिले है। दमोह एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने बताया था कि 2013 में एक डिग्री जो उसने पांडिचेरी से ली थी, जिस विश्वविद्यालय से ली थी वहां के कुलपति उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी थे। उनके फर्जी दस्तखत कर उसने एक डिग्री बनाई थी जो पूरी तरह से फर्जी समझ में आ रही है। इसके अलावा और भी फर्जी डिग्रियां उसके पास है। हालांकि कुछ दिन उसने विदेश में जाकर पढ़ाई की है उसके दस्तावेज भी खंगाले जा रहे हैं।

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