आकिब खान, हटा (दमोह)। मध्य सरकार सूबे में विकास का दावा करती है. लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और है. दमोह जिले के एक गांव में निर्माण कार्य अधूरे पड़े हैं. इन मुद्दे को लेकर गुरुवार को ग्रामीणों ने टेंट लगाकर धरना प्रदर्शन किया. इधर, मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार को ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपा. वहीं एक हफ्ते में सुनवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.

दरअसल, यह पूरा मामला हटा तहसील से लगे भिड़ारी गांव का है. जहां ग्रामीणों ने धरना देकर पंचायत कर्मचारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. लोगों ने निर्माण कार्यों नें भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि आंगनबाड़ी के नाम पर दो लाख रुपए की राशि आहरित कर ली गई है.

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ग्रामीणों की मानें तो मौके पर निर्माण कार्य ही नहीं हुआ. शौचालय का निर्माण भी अधूरा पड़ा हुआ है. साथ ही सीसी रोड, नाली निर्माण कार्य भी गुड़वत्ता युक्त किया जाए. उन्होंने सड़कों की मरम्मत करने की भी मांग की है. वहीं नायब तहसीलदार ने ज्ञापन लेकर ग्रामीणों को जल्द समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया है.

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नायब तहसीलदार ने कहा कि पंचायत कर्मचारियों के द्वारा जो भ्रष्टाचार किया गया है, उसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने गांव में जन समस्या निवारण शिविर लगाने का भी भरोसा दिया है. बता दें कि रामनिवास रावत दमोह जिले के प्रभारी मंत्री हैं. उसके क्षेत्र में लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अब देखना होगा कि क्या मंत्रीजी के क्षेत्र में ग्रामीणों की सुनवाई होती है या नहीं?

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