कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। शासन की योजना के तहत हितग्राहियो को राशन वितरित किया जाता है, लेकिन ग्वालियर चम्बल अंचल में बड़ी हैरान करने वाली तस्वीर उजागर हुई है। यहां जिंदा तो छोड़िए मरे हुए लोग भी राशन खा रहे हैं। सरकारी जांच में जो खुलासा हुआ है, उसे जानकर आपके भी होश उड़ जाएंगे। 

दरअसल ग्वालियर अंचल के जिलों में मरने के बाद भी हर महीने लाखों रुपए का राशन खाया जा रहा हैं। आप सोच रहे होंगे कि आखिर मरे हुए लोग लाखों रुपये का सरकारी राशन कैसे खा सकते है। तो आपको बता दे कि यह खुलासा किसी आम व्यक्ति, आरटीआई एक्टिविस्ट ने नहीं, बल्कि प्रशासन द्वारा की गई जांच में हुआ है। 

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यह जांच तब की गई जब हाल ही में MP के 3 लाख 13 हजार 441 लोगों के मृत्यु होने के बाद उनके नाम जारी आधार कार्ड निरस्त किये गए हैं। यह कार्रवाई UIDAI यानी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा की गई। इस सूची के आधार पर मध्य प्रदेश खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने सभी जिलों को जांच का जिम्मा दिया गया था। 

जानें अंचल में कितने आधार कार्ड निरस्त किए गए 

  • 7373 मुरैना जिला
  • 6021 शिवपुरी जिला
  • 5226 ग्वालियर जिला
  • 3099 भिंड जिला
  • 2753 दतिया जिला
  • 2129 श्योपुर जिला

ग्वालियर जिले की बात की जाए तो 5226 लोग आधार निरस्त होने के हिसाब से दुनिया मे नही रहे। लेकिन इसमें से लगभग 4841 लोग ऐसे हैं, जो मरने के बाद हर महीने 7 लाख रुपए ज्यादा कीमत का राशन खा रहे हैं। ऐसे में आपको बताते है कि कैसे एक मृत व्यक्ति राशन खा रहा है। 

  • जिले में 2 लाख 83 हजार 350 कल राशन कार्ड है
  • इनमें प्राथमिकता कार्ड 02 लाख 62 हजार 134 है
  • इनमें पीले राशन कार्ड लगभग 21 हजार 101 है।
  • परिवार के आधार पर 35 किलो राशन दिया जाता है
  • सदस्यों के हिसाब से राशन वितरण किया जाता है
  • प्रत्येक एक सदस्य को हर महीने लगभग 161 रुपए का राशन फ्री मिलता है
  • इस 161 रुपए के राशन में 3 किलो गेहूं 2 किलो चावल रहता है
  • इस तरह हर महीने ग्वालियर में ही लगभग 7लाख 89 हजार 401 रुपए कीमत का 242 क्विंटल गेहूं-चावल का नुकसान विभाग को होता आ रहा है

जिले में मौजूद कुल राशन कार्डों की यदि समय पर ई-केवाईसी कर ली जाती तो यह बड़ा नुकसान विभाग को नहीं होता। फिलहाल जिला आपूर्ति नियंत्रक विपिन श्रीवास्तव का कहना है कि जिनका निधन हो चुका है उनके नाम राशन मित्र पोर्टल से 12 फरवरी तक हटाने है काफी नाम हटाए भी जा चुके हैं।  जल्द पूरी प्रक्रिया कर ली जाएगी। बहरहाल यदि समय पर लोगों के नाम हटा लिए गए तो जिले में पात्रता पर्ची का इंतजार कर रहे लगभग 12 हजार से ज्यादा पात्र हितग्राहियों को इसका लाभ मिलना शुरू हो सकेगा।

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