कपिल मिश्रा, शिवपुरी। कोरोना संक्रमण काल में जहां लोगों में बीमारी और मृत्यु को लेकर भय व्याप्त है. ऐसे में लोगों को सहारा और ढांढस की जरुरत है. ऐसे में समय में परिजन और मेडिकल स्टाफ उनका मनोबल बढ़ाते हैं, वहीं इसके विपरीत एक अस्पताल प्रबंधन द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र में गंभीर चूक का कारनामा सामने आया है.

मामला शिवपुरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल का

मामला शिवपुरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल का बताया जा रहा है. यहां एक महिला मरीज 27 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती हुई और 28 अप्रैल को उसकी मौत हो गई थी. वहीं अस्पताल प्रबंधन ने मृत्यु प्रमाण पत्र में 24 अप्रैल को भर्ती और 25 अप्रैल को मौत होना बताया है. महिला के परिजन ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है.

अस्पताल के दरवाजे पर तड़पती महिला का वीडियो हुआ था वायरल
जानकारी के अनुसार हाल ही में शिवपुरी जिले के मेडिकल कॉलेज के आईसीयू वार्ड के गेट पर तड़पती महिला का वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो में महिला दर्द के कराह रही थी, परन्तु उसकी सुध किसी ने नहीं ली. महिला के पति ने बड़ी मुश्किलों से उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था. फिर भी उसे बचाया नहीं जा सका.

मीडिया ने दखल देकर कलेक्टर से बात की, तब कहीं जाकर मेडिकल कॉलेज ने महिला को भर्ती किया गया
महिला के पति मनोज गोड़ ने बताया कि उसे पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. वहां से मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था. यहां लाने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने यह कह दिया गया कि बेड खाली नहीं है. इस मामले में मीडिया ने दखल देकर कलेक्टर से बात की, तब कहीं जाकर मेडिकल कॉलेज ने महिला को भर्ती किया गया.

मौत के बाद भी परेशानी नहीं हो रही कम

महिला के पति का आरोप है कि उसे 27 अप्रैल को भर्ती किया गया और 28 अप्रैल को उसकी मौत हो गई थी, वहीं कॉलेज प्रबंधन ने मृत्य प्रमाण पत्र में 24 अप्रैल को भर्ती होना और 25 अप्रैल को मौत होना बताया है. पति ने बताया कि पत्नी के जीते जी उपचार के भटकना पड़ा अब मौत के बाद प्रमाण पत्र में गलती का खामियाजा भुगतान पड़ रहा है.

Read More : ऑक्सीजन की कमी से प्रसूता ने तोड़ा दम,भगवान का शुक्र है कि नवजात स्वस्थ है