कुमार इंदर, जबलपुर। पुरानी पेंशन स्कीम बहाली की मांग को लेकर आज हजारों कर्मचारियों ने सड़क पर निकल कर प्रदर्शन किया। उन्होंने OPS और NPS के विरोध में पेंशन पैदल मार्च निकाला । कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की मांग करते हुए कहा कई जो OPS PM, राष्ट्रपति और केंद्रीय सरकारी कर्मचरियों को मिल रहा है, वह हमें चाहिए। UPS और NPS का झुनझुना पकड़ाया गया। 

दरअसल, जबलपुर में पेंशन पैदल यात्रा में केंद्र राज्य के कर्मचारी शामिल हुए। गोल बाजार से लेकर घंटाघर तक पेंशन पैदल यात्रा निकाली गई। पुरानी पेंशन बहाल न होने तक कर्मचारियों ने आंदोलन जारी रहने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में एक शंखनाद किया जाएगा। इस अभियान को तब तक चालू रखा जाएगा जब तक मांग पूरी न हो जाए। 

दिल्ली में किया जाएगा शंखनाद

उन्होंने कहा यह राष्ट्रव्यापी अभियान है। पुरानी पेंशन बहाली के लिए तमाम संगठन ही नहीं, NPS से हर वो व्यक्ति जो पीड़ित है उसने आंदोलन में भाग लिया। वही OPS जो देश का प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, सेना का जवान लेता है, वही OPS हमें चाहिए। इसे हम लेकर रहेंगे। 

PM मोदी की घोषणा का का रहे विरोध

बता दें कि 24 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय परिषद JCM सदस्यों के साथ मीटिंग करके NPS के स्थान पर UPS यूनीफाइड पेंशन स्कीम की घोषणा की थी। जिसका सभी केंद्र एवं राज्य के कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। क्योकि UPS, NPS से भी खराब स्कीम है। राष्ट्रीय पेंशन बहाली आंदोलन के तहत देशभर के सभी राज्य के समस्त जिलों में NPS और UPS का विरोध हो रहा है और पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलन किए जा रहे हैं।

पुरानी पेंशन योजना हमारा संवैधानिक अधिकार

उन्होंने कहा, पुरानी पेंशन योजना हमारा संवैधानिक अधिकार है, जो भारत सरकार पेंशन अधिनियम 1972 के अंतर्गत प्रदान की गई थी। लेकिन तत्कालीन सरकार ने अध्यादेश के जरिए जबरन दिनांक 1 जनवरी 2004 से बंद कर दी गई और उसके स्थान पर नई पेंशन योजना एनपीएस अंशदाई पेंशन योजना लागू कर दी गई। जो की पूर्णता शेयर बाजार पर आधारित स्कीम है। जिसमें कर्मचारी के पेंशन की कोई गारंटी नहीं है। यह कर्मचारियों के साथ सरकार की ओर से किया गया बहुत बड़ा छलावा है। 

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