मध्य प्रदेश में आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया. सभी जिला मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम पर ज्ञापन सौंपे गए. ग्वालियर कलेक्ट्रेट में आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया और 8 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा.
मध्य प्रदेश संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कोमल सिंह का कहना है कि आउटसोर्स कर्मचारी के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है और उनके हित से जुड़ी हुई प्रमुख मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है. यही वजह है कि जिला स्तर पर ज्ञापन सौंप गए हैं. अगर यदि जल्द उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश के सभी जिलों में आउटसोर्स संविदा कर्मचारीयो के जरिए बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा.
पन्ना में तख्तियां लेकर कलेक्ट्रेट संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी
पन्ना जिले में भी संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी हाथों में तख्तियां लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे. और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, आयुक्त और एमडीएनएएच से पत्राचार करने के बाद भी एनएचएम विभाग हमारी मांगों पर विचार नहीं कर रही है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश के अंतर्गत 20 वषों से अधिक समय से कार्यरत लगभग 32000 कर्मचारी प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से देते आ रहे है. कोरोना काल जैसे गंभीर महामारी में भी अपने परिवार और जीवन की परवाह किए बगैर सेवाएं दी है.
पूर्व सीएम ने की थी कर्मचारियों के कई घोषणाएं
पूर्व सीएम ने 4 जुलाई 2023 को भोपाल में महापंचायत बुलाकर संविदा कर्मचारियों के लिए अनेक घोषणाएं की थी. जिसके परिपालन में सामान्य प्रशासन विभाग ने 23 जुलाई 2023 को संविदा कर्मचारियों के लिए एक नीति की सौगात दी. लेकिन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने संविदा कर्मचारियों को दी गई सुविधाओं में कटौती की. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही उनकी मांगे पूरी नहीं होती है तो वह अनिश्चित कालीन हड़ताल कर उग्र प्रदर्शन करेंग.
ये है प्रमुख मांगें
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधीन पूर्व में सेवाऐं दे चुके सपोर्ट स्टाफ कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों पर नियमित किया जाए अविा पुनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अधीन संविदा में मर्ज किया जाए.
- विभिन्न पदों पर सेवाएं दे रहें आउटसोर्स कर्मचारियों को विभाग में तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी के नियमित रिक्त पदों पर मर्ज किया जाए.
- संविदा नीति 2018 और 2023 की नीति सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशानुसार नीति अनुसार मंहगाई भत्ता सहित नीति का पूर्ण लाभ दिया जाए.
- विभाग के अधीन 3 वर्ष से लगाता सेवाएं दे चुके आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन नियमों में परिवर्तन किया जाए और वेतन वृद्धि की जाए.
- नियमित, संविदा कर्मचारियों की तरह आउसोर्स की महिला कर्मचारियों को (1) 6 माह का प्रसूति अवकाश दिया जाए. (2) 15 दिवस का मेडिकल अवकाश दिया जाए. (3) 15 EL अवकाश दिया जाए. (4) आकस्मिक अवकाश दिया जाए.
- सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आउटसोर्स कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन दिया जाए.
- निष्कासित कर्मचारियों को वापस लिया जाए.
- भविष्य में बिना जांच के किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी को सेवा से पृथक न किया जाए.
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