यत्नेश सेन, देपालपुर (इंदौर). मध्य प्रदेश के देपालपुर में पिछले दिनों एक निर्माणाधीन मकान से 42 मतदान पेटियां बरामद की गई थी. इस मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. मतदान पेटियां को सुरक्षित रखने के बाद प्रशासन खुद ही इन्हें भूल गया था. अब सवाल उठता है कि अगर ये 42 पेटियां संदिग्ध हालातों में एक मकान में नहीं मिलतीं, तो क्या प्रशासन इन पेटियों को कभी याद करता? वहीं इस मामले में कॉलेज प्रबंधन भी सवालों के घेरे में है.
सूत्रों की माने तो यह सभी मतदान पेटियां 2010 और 2015 के पंचायत चुनावों में उपयोग की गई थी. जांच में पता चला कि चुनाव के बाद इन पेटियों को देपालपुर के शासकीय भागीरथ सिलावट महाविद्यालय परिसर के एक कमरे में रखा गया था. जब प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची तो वहां 295 से ज्यादा मतदान पेटियां बरामद हुई. 2010 और 2015 के पंचायत चुनावों के बाद जिन मतदान पेटियों को जिला निर्वाचन अधिकारी को सौंपा जाना था, उन्हें कॉलेज परिसर के एक जर्जर कमरे में स्ट्रॉन्ग रूम बनाकर छोड़ दिया गया. 2022 के चुनावों में जब पेटियों की जरूरत पड़ी, तो इंदौर से नई पेटियां मंगवाई गई, लेकिन पुरानी पेटियों का कोई रिकॉर्ड नहीं था.
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सूत्रों से मिली जानकारी जब प्रशासन ने जांच की, तो कॉलेज परिसर में रखी इन पेटियों का पता चला. जब टीम मौके पर पहुंची, तो स्ट्रॉन्ग रूम का दरवाजा टूटा हुआ पाया गया. इसके बाद एसडीएम के निर्देश पर सभी पेटियों को जनपद पंचायत के कक्ष में व्यवस्थित रूप से रखवाया गया. जब मीडिया ने कॉलेज की प्रभारी प्राचार्य से सवाल किया कि परिसर के किस कमरे में क्या रखा है, तो उन्होंने साफ कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि चाबी प्रशासन के पास होती है और कॉलेज किसी के काम में हस्तक्षेप नहीं करता.
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