राहुल परमार, देवास। मध्य प्रदेश के देवास विकास प्राधिकरण में कार्यरत रहे सेवानिवृत्त अधिकारी मुबारक बेग द्वारा विभागीय संपत्ति लैपटॉप को सेवानिवृत्ति के बाद भी न लौटाए जाने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, मुबारक बेग 30 नवंबर 2024 को उपयंत्री (प्रायोजित सहायक यंत्री) के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। रिटायरमेंट के बाद भी उनके पास विभाग का लैपटॉप और उससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां मौजूद थीं। 

देवास विकास प्राधिकरण ने किए कई प्रयास

इसे लेकर देवास विकास प्राधिकरण ने मौखिक और लिखित रूप से कई प्रयास किए। लेकिन कोई स्पष्ट या समय पर प्रतिक्रिया नहीं मिली। हालांकि, प्राधिकरण के सीईओ अभिषेक शर्मा के अनुसार, सेवानिवृत्त अधिकारी ने लैपटॉप लौटा दिया है। लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह कब और किन परिस्थितियों में लौटाया गया। इस अस्पष्टता के चलते विभागीय व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

विधि विशेषज्ञों के अनुसार, यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 406 और 409 के अंतर्गत ‘अमानत में खयानत’ और ‘शासकीय संपत्ति के दुरुपयोग’ की श्रेणी में आता है। चिंताजनक बात यह भी है कि जिस अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। उसी मुबारक बेग की प्राधिकरण में संविदा नियुक्ति को लेकर विभाग की ओर से पत्राचार किया जा रहा है। इससे यह सवाल उठ रहे हैं कि शिकायत और अनुशासनात्मक विषयों को नजरअंदाज कर प्राधिकरण क्यों लचीला रवैया अपना रहा है। वर्तमान में देवास विकास प्राधिकरण कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है और संभवतः इसी कारण अनुशासनात्मक गंभीरता को दरकिनार किया जा रहा है।

कलेक्टर ने जांच के दिए आदेश

इस पूरे मामले में जिला कलेक्टर ऋतुराज सिंह ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके और यदि कोई लापरवाही या नियमों का उल्लंघन सामने आता है तो उचित कार्यवाही की जा सके।

सीईओ ने जांच की कही बात

अभिषेक शर्मा, सीईओ, देवास विकास प्राधिकरण ने शिकायत प्राप्त होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि लैपटॉप लौटा दिया गया है, लेकिन कब लौटाया गया, इसकी जानकारी फिलहाल मेरे पास नहीं है। हम इस पर नियमानुसार जांच कर संज्ञान लेंगे। विभाग में कर्मचारियों की कमी के कारण दो लोगों की संविदा नियुक्ति हेतु पत्र व्यवहार किया जा रहा है।

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