हर्षित तिवारी (खातेगांव)  देवास। मध्य प्रदेश के देवास जिले के खिवनी अभ्यारणय से लगे किसानों का वन विभाग ने  सोमवार को बलपूर्वक अतिक्रमण हटाया। जिसमे बारिश के मौसम में आदिवासी परिवारों के घरों को बुलडोजर से तोड़कर आदिवासी परिवारों को बेघर कर दिया। कार्रवाई में वन विभाग के साथ पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे।

मकान नहीं तोड़ने के गुहार लगाता रहा आदिवासी परिवार 

खिवनी अभ्यारणय से लगे जंगल मे पिछले कई सालों से आदिवासी परिवारों का अतिक्रमण होना बताया। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में वन अमले के साथ भारी पुलिस बल भी मौजूद रहा। बुलडोजर के माध्यम से आदिवासी परिवारों के आशियाने को तोड़कर धराशायी किया। कई लोगों ने तो अपना जरुरी सामान बाहर निकाल लिया। कई लोगों का बिना सामान निकाले ही मकान तोड़ दिया। आदिवासी परिवारों के करीबन 30-35 आशियाने तोड़े है। आदिवासी परिवार वन विभाग के अधिकारियों से मकान नही तोड़ने की गुहार लगाते रहे। महिलाएं अपने टूटते मकानों को देख रोती बिलखती रही। छोटे छोटे बच्चे भी टूटते मकान को देखकर रोते रहे। लेकिन वन अधिकारियों ने आदिवासियों की एक न सुनी। बेरहमी से मकान पर बुलडोजर चलाकर पूरे परिवार को खुले आसमान के नीचे कर दिया।

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बारिश में बिस्तर, कपड़े और अनाज सब कुछ भीग गया 

आदिवासियो ने बताया कि बारिश के मौसम में वन विभाग ने बिना सूचना के हमारे घर तोड़ दिए। जबकि करीब 25-30 साल से हमारे मकान यहां बने हुए थे। आज बारिश में हमे छोटे छोटे बच्चों के साथ बेघर कर दिया। हमारे कई लोग मकान के भीतर से सामान भी नही निकाल पाए। जिन्होंने सामान निकाला वह भी बारिश में भीग गया। बारिश में बिस्तर, कपड़े और अनाज सब कुछ भीग गया। यही कार्रवाई वन विभाग पहले करता तो हम कोई विकल्प ढूंढ लेते। कई सालों से वन विभाग गहरी नींद में सोया रहा। अब बारिश के मौसम में हमारे मकान तोड़ने की याद आई।

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हम पिछले साल से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रहे- विकास माहोरे  

गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व एक वनरक्षक पर आदिवासी महिला पर अतिक्रमण के नाम पर छेड़छाड़ और अश्लील इशारे करने के संबंध में हरणगांव थाने पर प्रकरण दर्ज हुआ। जिसके बाद वन विभाग हरकत में आया। और लगातार कार्रवाई कर रहा है। इस संबंध में खिवनी अधीक्षक विकास माहोरे ने बताया कि आज 82 हेक्टेयर से अतिक्रमण हटाया। हम पिछले साल से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रहे है। एक माह पूर्व भी इनको सूचना दी गई थी।

वन अधिकारों पर बुलडोज़र, आदिवासियों पर अत्याचार- उमंग सिंघार 

वन विभाग की बुलडोजर कार्रवाई पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया X पर ट्वीट करते हुए लिखा कि ग्राम सिवनी खुर्द, खातेगांव (देवास) में आदिवासी परिवारों के घरों पर वन विभाग द्वारा बुलडोजर चलाया गया। जबकि नियम के अनुसार बारिश में किसी का भी घर तोड़ा नहीं जा सकता उस समय में भी वन विभाग आदिवासियों को बेघर कर रहा है। बच्चे सड़कों पर हैं और सरकार चुप है। ये आदिवासियों के हक पर सीधा हमला है। इस क्षेत्र के सांसद स्वयं को किसान पुत्र और जनजातीयों का सबसे बड़ा हितैषी बताने वाले शिवराज सिंह चौहान जी है। क्या अब उनके ही क्षेत्र में मोहन यादव जी का बुलडोजर राज सिर चढ़कर बोल रहा है? सवाह यह है कि क्या शिवराज जी आदिवासियों के उजड़ते घरों पर कुछ बोलेंगे, या अब भी “जनजातीय प्रेम” सिर्फ भाषणों तक सीमित रहेगा?

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