हर्षित तिवारी, खातेगांव (देवास) मध्य प्रदेश के देवास जिले के खातेगांव तहसील के खेवली गांव में बीते दिन 80 आदिवासी परिवार के घर को वन विभाग ने अतिक्रमण का हवाला देकर तोड़ दिए थे। जिसके बाद में आदिवासी परिवार बेघर हो गए थे, बेघर होने से खुले आसमान के नीचे और भारी बारिश में अपना दिन गुजर रहे थे। घटना के बाद आदिवासी समाज ने गुरुवार को शिवानी में ही आंदोलन किया था जहां पर जिला प्रशासन और विधायक मिलने पहुंचे थे। 

जिला प्रशासन और विधायक ने 20-20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता

जिला प्रशासन और विधायक ने 20-20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता हर परिवार को देने की बात कही थी और आवास भी देने की घोषणा की थी। लेकिन आदिवासी संगठन और आदिवासी समाज अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। उनकी मांग है कि जिन वन विभाग के अधिकारियों ने उनको बेघर किया है उन को तुरंत सस्पेंड किया जाए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। 

आदिवासी संगठनों ने नारेबाजी के साथ आंदोलन किया

शुक्रवार को हजारों की संख्या में आदिवासी खातेगांव के डाक बंगला में पहुंचे आदिवासी संगठनों ने नारेबाजी के साथ आंदोलन किया।  आंदोलन में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आदिवासी लोग अपने निजी वाहनों से इस प्रदर्शन में पहुंचे। मध्य प्रदेश के झाबुआ, बैतूल, जबलपुर, देवास, होशंगाबाद सहित अनेको जिले के लोग आंदोलन में पहुंचे। 

 पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया भी पहुंचे

इस आंदोलन में आदिवासी समाज के नेता ओर कांग्रेस पार्टी के पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया भी पहुंचे।  सभी लोगों ने एक ही बात मंच से बताया कि संबंधित वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को सस्पेंड करें। युवा कांग्रेस नेता राहुल इनानिया ने कहा कि प्रशासन दोषी अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करें अन्यथा पूरे जिले में आदिवासी संगठन उग्र आंदोलन करेगा। 

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