रेणु अग्रवाल, धार. पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के 307 टन जहरीले कचरे का निष्पादन शुरू हो गया है. उच्च न्यायालय के आदेश पर पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने 5 मई को यह कार्य प्रारंभ किया. कचरे का निष्पादन ट्रायल रन शाम 7.42 बजे से शुरू हुआ.
प्रति घंटे 270 किलोग्राम कचरे को नष्ट किया जा रहा है. कचरे से निकलने वाली गैसों की निगरानी के लिए ऑनलाइन कंटीन्यूअस मॉनीटरिंग सिस्टम लगाया गया है. इसके परिणाम मध्य प्रदेश और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सर्वर पर देखे जा सकते हैं.
हवा की गुणवत्ता की निगरानी
चिमनी से निकलने वाले धुएं में पार्टिकुलेट मैटर, हाइड्रोजन क्लोराइड, सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा मापी जा रही है. आसपास की हवा की गुणवत्ता की निगरानी के लिए तीन जगह मॉनीटरिंग स्टेशन लगाए गए हैं. तारपुरा में पहले से मौजूद स्टेशन के अलावा चीराखान और बजरंगपुरा में 4 मई को नए स्टेशन स्थापित किए गए हैं.
प्रक्रिया को पूरा होने में लगेगा 55 दिन से अधिक का समय
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी श्रीनिवास द्विवेदी के अनुसार, नियमित निरीक्षण किया जा रहा है. ऑनलाइन सिस्टम से लगातार निगरानी की जा रही है. प्रक्रिया को पूरा होने में 55 दिन से अधिक का समय लगेगा. ट्रायल रन के बाद कंपनी के इंसिलेटर में बदलाव कर ऑटोमैटिक प्रक्रिया अपनाई गई है. सुरक्षा के लिए 24 घंटे कंपनी परिसर में सशस्त्र जवान तैनात रहेंगे. पुलिस वाहन समय-समय पर गश्त करते रहेंगे.
गौरतलब है कि 2 दिसंबर 1984 को भोपाल गैस कांड हुआ था. रात 8:30 बजे से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की हवा धीरे धीरे जहरीली होनी शुरू हो गई थी. जैसे-जैसे रात बीती, वैसे-वैसे अस्पतालों में मरीजों की भीड़ इकट्ठा होने लगी. सुबह तक तो राजधानी कब्रिस्तान में तब्दील हो गई. इस त्रासदी की गिनती सबसे खतरनाक औद्योगिक दुर्घटना में होती है. इसमें न जाने कितनों की जानें गई, कितने अपंग हो गए.
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