रणधीर परमार, छतरपुर। मध्य प्रदेश में नवरात्रि के गरबा आयोजनों पर ‘मुसलमानों की नो एंट्री’ का बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा, और अब इस विवाद में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की एंट्री हो गई है। छतरपुर जिले के राजनगर विधानसभा क्षेत्र के लवकुशनगर में मां बम्बर बैनी माता के दर्शन के लिए पहुंचे बाबा ने गरबा संचालकों से सख्त अपील की है- पंडालों के प्रवेश द्वार पर गोमूत्र रखा जाए, ताकि केवल ‘सच्चे भक्त’ ही अंदर आ सकें।

 प्रवेश गेट पर गोमूत्र का प्रबंध करें- धीरेन्द्र शास्त्री 

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “जब हम उनके (मुस्लिमों) हज यात्रा में नहीं जाते, तो उन्हें भी हमारे माता की आराधना और गरबा में नहीं आना चाहिए। ये हमारा पवित्र त्योहार है, इसे अपवित्र न होने दें।” उन्होंने इस मुद्दे को और बढ़ाते हुए गरबा आयोजकों से मांग की कि प्रवेश गेट पर गोमूत्र का प्रबंध करें, जो हिंदू परंपरा के अनुसार पवित्र माना जाता है। ये बयान लवकुशनगर में मां बम्बर बैनी माता मंदिर में दर्शन के दौरान दिया गया, जहां उनके साथ राजनगर विधानसभा के भाजपा विधायक अरविंद पटैरिया भी मौजूद थे। 

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बागेश्वर महाराज का ये बयान मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर और दमोह जैसे जिलों में चल रहे गरबा विवादों के बीच आया है, जहां हिंदू संगठनों ने तिलक, कलावा और आधार कार्ड चेक करने की गाइडलाइंस जारी की हैं। इससे पहले, भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने भी चिंता जताई थी कि कुछ लोग हिंदू महिलाओं को लुभाने के लिए तिलक-कलावा का इस्तेमाल कर गरबा में घुस सकते हैं।   

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