शमशाबाद। मध्यप्रदेश में अन्नदाता किसानों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. उपज बेचने के बाद अब भुगतान को लेकर किसान परेशान है. भुगतान के लिए बैंक के सामने मजबूरी में खुले आसमान के नीचे रात जागरण करना पड़ रहा है. कहीं नंबर ना चूक जाए, इसलिए रात को ही बैंक पासबुक को लाइन में लगाकर वहीं पर सो जाते हैं.
बताया जाता है कि कोरोना कर्फ्यू के चलते कई दिनों से बैंक बंद है. बैंक बंद होने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है. किसी के यहां शादी हंै तो किसी को खेती बाड़ी के लिए खाद और बीज खरीदने के लिए रुपए की जरूरत है. किसी को बैंक की किस्त जमा करना है. रातभर जागरण कर किसान सुबह तक इंतजार करते हैं, जिससे बैंक खुले और टोकन मिल जाए.
एक दिन में डेढ़ सौ लोगों को टोकन जारी
परेशान किसानों ने बताया कि बैंक की ओर एक दिन में डेढ़ सौ लोगों को ही भुगतान के लिए टोकन जारी किया जाता है. इसके अनुपात में किसानों की संख्या अधिक है. वे बीते तीन दिनों से बैंक का चक्कर लगा रहे हैं, उनका नंबर आजतक नहीं आ पाया है. उन्होंने बताया कि बैंक के सामने मजबूरी में रात में ही नंबर लगाना पड़ रहा है. सुबह 9 बजे से बैंक कर्मचारी टोकन देना शुरू करते हैं. तब-तक खुले आसमान के नीचे सोकर रात बिताएंगे.
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बैंक के सामने किसानों को इस दशा में देखकर सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर अन्नदाता इतना मजबूर क्यों है. जो सभी के पेट भरने की चिंता करता है उसकी चिंता कोई क्यों नहीं कर रहा है?