अजयारविंद नामदेव, शहडोल। ‘धरती के भगवान’ कहे जाने वाले डॉक्टर इंसानियत और अपना फर्ज दोनों ही भूलते नजर आ रहे हैं। ताजा मामला शहडोल से सामने आया है। जहां एक आदिवासी मजदूर से इलाज के नाम पर पैसों की डिमांड की। रिश्वत दिखे न तो उसे डिजिटल माध्यम से ट्रांसफर करवा ली गई। फिर इलाज भी नहीं किया। अब पीड़ित जगह जगह भटक रहा है।

अपार्टमेंट की पार्किंग में अंकल की ‘डर्टी  हरकत’: 12 साल की मासूम के साथ की छेड़छाड़, रो रोकर बच्ची ने परिजनों को बताई पूरी बात  

क्या है मामला
वक्त बदल रहा है और लोगों का काम करने का तरीका भी, तो फिर भला रिश्वत इससे कैसे अछूता रह सकता है। ऐसा ही डिजिटल रिश्वत लेने का एक मामला जिले के बुढार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सामने आया है। जहां बुढार के कटकोनी निवासी तुला राम पनिका सड़क हादसे में घायल हो गया। जिसे उपचार के लिए बुढार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहां ड्यूटी में तैनात डॉ अनुराग पांडे ने अपने डॉक्टर साथी के साथ मिलकर इलाज के नाम पर मरीज से 1800 रुपए की डिमांड की।

जब वह इतना पैसा नहीं दे पाया तो डॉक्टर साहब मोल भाव करने लगे और सौदा 1200 पर आकर रुका। डॉक्टर ने तुरंत अपना फोन पे नंबर दिया और रिश्वत की रकम अपने फोन पे पर ट्रांसफर करवाली। हद तो तब हो गई जब इलाज भी नहीं किया। जिससे आहत मरीज ने मामले की शिकायत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से की है।

महाकाल के दरबार पहुंचे केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, परिवार संग भस्म आरती में हुए शामिल

मामले में अब रिश्वतखोर डॉक्टर कुछ भी कहने से बच रहे। तो स्वास्थ्य विभाग के CMHO डॉ राजेश मिश्रा का कहना है कि अस्पताल में मरीज से पैसा लेने का मामला संज्ञान में आया है। मामले की जांच की जाएगी। वहीं एक ओर जहां सरकार शासकीय अस्पतालों में मुफ्त इलाज कर लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का हर संभव प्रयास करती है। तो वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग सरकार के इरादों पर पानी फेरने का काम कर रही है।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H