शब्बीर अहमद, भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मनरेगा में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। पत्र में दिग्विजय सिंह ने लिखा मध्यप्रदेश में मनरेगा योजना के तहत कार्यों में अनियमितता की गई है, जो कि भारत सरकार के राजपत्रित अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है। उन्होंने बताया कि व्यवस्था के अनुसार मनरेगा योजनान्तर्गत कराये जाने वाले कार्यों में व्यय की दृष्टि से श्रम सामग्री का अनुपात 60-40 जनपद स्तर पर रखे जाने का प्रावधान है।

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पूर्व सीएम ने कहा कि अधिनियम में 60 प्रतिशत मजदूरी का प्रावधान इसलिये किया गया था कि गांव में रहते हुए मजदूरो को अधिकतम कार्य मिल सके और पलायन रूक सके। उन्होंने दुःख जताते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में 2022-23 में 21 जिलों में,  2023-24 में 16 जिलों में एवं इसके अतिरिक्त 2024-25 में प्रदेश के 25 जिलों में इस प्रावधान का खुला उल्लंघन हो रहा है। पूर्व सीएम ने आरोप लगाते हुए लिखा कि इस वजह से ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा मिल रहा है और सामग्री के फर्जी बिल वाउचर पर भुगतान हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की अनियमितता से मजदूरों के अधिकार पर  कुठाराघात हो रहा है। यह एक अत्यंत गंभीर प्रकरण है जो कि अधिनियम में दिए गए प्रावधानों के विरुद्ध है।

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पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से निवेदन करते हुए लिखा है कि वे इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करके दोषी अधिकारी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई करें, जिससे मजदूरों के हितों की रक्षा हो सके। 

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