दीपक ताम्रकार, डिंडोरी. पिछले 150 सालों से कुछ परिवार राठौर समाज से बहिष्कृत होने का दंश झेल रहा है. परिवार के मुखिया का आरोप है कि पीढ़ी दर पीढ़ी राठौर समाज परिवारों को हर आयोजनों में दरकिनार करता आ रहा है. ऐसे में अब परिवार से प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें प्रशासन या सरकार समाज में सम्मान या मिलाप नहीं कराएगा तो वे ईसाई धर्म अपनाने को मजबूर हो जाएंगे.

दरअसल, यह मामला कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम धनुआसागर का है. जहां राठौर समाज के ही कुछ परिवार अपने समाज के खिलाफ लिखित शिकायत करते हुए उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं. इन परिवारों का आरोप हैं कि राठौर समाज के जिलाध्यक्ष ने उन्हें समाज से मिलने नहीं दे रहा है. जबकि पहले प्रशासन के सहयोग से समाज में पुनः मिलवाया गया. समाज के रिवाज के अनुसार, मुंडन कार्यक्रम करवाकर खाना पीना समाज में करवा दिया गया था. कुछ दिनों तक सब ठीक चला. इसके बाद पहले की तरह से उनसे छुआ-छूत की तरह व्यवहार किया जाने लगा.

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महिलाओं का आरोप है कि समाज से बहिष्कृत किए जाने से उनके परिवार में कोई बहू या बेटा देने को तैयार नहीं है. अगर कोई देता भी हैं तो समाज उन्हें भी बहिष्कृत कर देता है. इतना ही नहीं सुख-दुख के कोई भी आयोजनों में उन्हें न तो बुलवाया जाता है और न ही कोई उनके घर आता है. अगर समाज का यही आलम रहा और जिला प्रशासन और सरकार ने आवेदन देने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया तो हम सभी परिवार के लोग ईसाई धर्म अपना लेंगे.

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