हेमंत शर्मा, इंदौर। इंदौर के विधानसभा 4 में बीजेपी पार्षद कमलेश कालरा के घर पर हुए हमले और उनके नाबालिग बेटे के साथ अश्लील हरकत के मामले में बीजेपी पार्षद जीतू यादव उर्फ जाटव का नाम सामने आया है। हालांकि, पुलिस अभी इस मामले में उनकी भूमिका पर कोई स्पष्ट बयान देने से बच रही है। कमलेश कालरा ने जीतू पर हमले का आरोप लगाया है, लेकिन अब तक गिरफ्तार आरोपियों ने इस मामले में जीतू का नाम नहीं लिया है। जीतू का आपराधिक इतिहास काफी पुराना है। यह पूरा विवाद विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 2 और विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 4 का अब खुलकर सामने आने लगा है विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 4 के विधायक पुत्र एकलव्य गोद में भी सोशल मीडिया पर चुप्पी साधने वालों को चूड़ियां पोस्ट की है अब यह लगातार विवाद राजनीति तूल पकड़ता जा रहा है हालांकि इस मामले में पुलिस ने 6 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया है लेकिन किसके इशारों पर आरोपियों ने हमला किया है उसे पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
नेता बनने के बाद भी अपनी गुंडागर्दी नहीं छोड़ता
हालांकि भाजपा पार्षद कमलेश कालरा ने यह पूरा आरोप एमआईसी सदस्य और पार्षद जीतू पर लगाया है लेकिन अब तक पुलिस कार्रवाई में जीतू का नाम सामने नहीं आया है। जीतू पर 12 से ज्यादा मामले इंदौर के एक ही थाने में दर्ज हैं जिसमें सट्टा और मारपीट जैसे कई मामलों में जेल की हवा भी खा चुका है। इतने मामले दर्ज होने के बावजूद भी जीतू ने चुनाव लड़ा और विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 2 से पार्षद बने और अब एमआईसी सदस्य हैं। सवाल खड़ा होता है कि राजनीतिक पार्टियों कैसे गुंडे बदमाशों को टिकट देकर मैदान में उतार देती हैं। गुंडा बदमाश नेता बनने के बाद भी अपनी गुंडागर्दी नहीं छोड़ता है। ऐसे में सवाल खड़े होते हैं उन वरिष्ठ नेताओं पर जो टिकट देते वक्त ऐसे गुंडा बदमाशों का बैकग्राउंड देखते तक नहीं है।
12 साल की उम्र से अपराध की शुरुआत
जीतू यादव ने महज 12 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा। परदेशीपुरा के कुलकर्णी भट्टे से जुड़ी उनकी पहली अपराधी गतिविधियां 2019 में दर्ज हुईं, जिसमें चाकूबाजी, मारपीट और धमकी के मामले शामिल थे। इसी साल उनके खिलाफ जुआ एक्ट में भी कार्रवाई हुई।
गंभीर आपराधिक मामले
2015 में जीतू पर चाकूबाजी के दो गंभीर मामले दर्ज हुए। इसके अलावा, संयोगितागंज थाने में शासकीय कार्य में बाधा, लूट का प्रयास, धमकी, और लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे मामलों में भी उन पर आरोप लगे। साल 2010 और 2011 के दौरान परदेशीपुरा थाने में जीतू पर चाकूबाजी, बलवा और हत्या के प्रयास जैसे अपराध दर्ज हुए। अवैध हथियार रखने के मामले में भी उन्हें आरोपी बनाया गया।
जिला बदर और रासुका से बचे
हालांकि जीतू पर इतने गंभीर आरोपों के बावजूद उन्हें कभी भी जिला बदर या रासुका जैसी सख्त कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ा। पुलिस अधिकारी और राजनेताओं के साथ उनके करीबी संबंध इस बचाव का कारण माने जा रहे हैं।
बड़े अपराधियों के साथ जुड़ाव
जीतू के सोशल मीडिया पर कई कुख्यात अपराधियों और हिस्ट्रीशीटर बदमाशों के साथ तस्वीरें मौजूद हैं। पूर्व डीआईजी संतोष सिंह के कार्यकाल में तैयार किए गए डोजियर में भी जीतू यादव का नाम शामिल था।
पॉक्सो एक्ट के तहत मामला
यदि इस मामले में जीतू का नाम सामने आता है, तो उसकी “गुंडा फाइल” दोबारा खुल सकती है। पुलिस इस पर बारीकी से जांच कर रही है, लेकिन राजनीति हस्तक्षेप के चलते अब तक इस पूरे मामले में जीतू का नाम पुलिस ने FIR में शामिल नहीं किया है। हालांकि इंदौर के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय इस घटना की कड़ी निंदा कर चुके हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ट्वीट कर इस पूरे मामले में कड़ी कार्रवाई की बात भी कही है लेकिन कार्रवाई सिर्फ घर में घुसकर मारपीट कर नाबालिग को नग्न करने वाले बदमाशों पर ही हुई। जिसके इशारे पर पूरी घटना को बदमाशों ने अंजाम दिया उसका नाम अब तक एफआईआर में दर्ज नहीं किया गया जबकि इस पूरे विवाद के दौरान जीतू और कमलेश कालरा के बीच हुई बातचीत की पूरी रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई है। कमलेश के पास भी बातचीत की पूरी रिकॉर्डिंग उपलब्ध है बावजूद इसके पुलिस ने अब तक जीतू पर राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की।
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक