ग्वालियर। मध्य प्रदेश में लगातार कोरोना कहर जारी है. प्रदेश में ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी के भी मामले सामने आ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला ग्वालियर में देखने को मिला. यहां कोरोना संक्रमण से जूझ रहे मरीजों के परिजनों को ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमडेसिवीर इंजेक्शन के नाम पर परेशान करने वाले अस्पतालों पर प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए लाइसेंस निरस्त कर दिया.

दरअसल ग्वालियर में कोरोना संक्रमण के मरीजों के परिजनों को ऑक्सीजन सिंलेडर और रेमडेसिवीर इंजेक्शन के नाम परेशान कर रहे थे. यहां आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी की शिकायत पर पुलिस ने 3 अस्पतालों पर कार्रवाई करते हुए उनके लाइसेंस को निरस्त कर दिया. वहीं शहर के शीतला अस्पताल में अनाधिकृत दंत चिकित्सक द्वारा मरीज को रेमडेसिवीर प्रिस्क्रिप्शन करने पर डॉक्टर के खिलाफ प्रशासन ने एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.

इन अस्पतालों पर हुई कार्रवाई
स्थानीय प्रशासन ने शहर के लॉट्स अस्पताल, श्रद्धा नर्सिंग होम, मैक्स केयर अस्पताल पर कार्रवाई करते हुए तीनों अस्पतालों के लाइसेंस को रद्द कर दिया. वहीं रेमडेसिवीर इंजेक्शन की जमाखोरी और कालाबाजारी के मामले में बिरला और सिम्स अस्पतालों के खिलाफ पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.

गौरतलब है कि प्रदेश में सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों को भी शासन- प्रशासन ने कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने की अनुमति दी है. लेकिन इन अस्पतालों को कोरोना प्रोटोकॉल का भी पालन करने का निर्देश दिया गया है. बावजूद इसके प्रदेश के अन्य शहरों के साथ ग्वालियर में भी निजी अस्पतालों की मनमानी और लापरवाही लगातार सामने आ रही है.