शिखिल ब्यौहार, भोपाल। दारूल उलूम देवबंद इस्लामिक संस्था का जारी फतवा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। दरअसल, फतवे में लिखा कि बैंक कर्मचारियों के बच्चों से निकाह मत करो। इनकी तनख्वाह ब्याज की कमाई से आई है। इस्लाम में ब्याज हराम है। मामले को लेकर राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट कर फतवे को लेकर कई सवाल भी खड़े किए। उन्होंने लिखा कि उनकी मेहनत की तनख्वाह को हराम बताते हैं पर सरकार से मदरसा को फंडिंग मिलती रहे इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में महंगे कांग्रेसी वकील खड़े करते हैं। उन्होंने आगे लिखा कि मदरसा की सरकारी फंडिंग में भी तो ब्याज की कमाई है, उससे मौलानाओं की लाखों रुपये की तनख्वाह भी दी जाती है, वो हलाल कैसे हुई मौलाना? आम मुसलमान का बच्चा पढ़कर तरक्की न कर ले इनकी यही मंशा है।
ट्वीट के साथ फतवे को लेकर सियासत भी गर्म हो गई है। बीजेपी ने फतवे को नकारा है और ओछी मानसिकता करार बताया। बीजेपी ने कहा कि ऐसे फतवे से सामाजिक विकृति को बढ़ावा मिलता है। बीजेपी ने यह भी कहा कि जरूरी है कि मानसिकता को बदली जाए। उधर, कांग्रेस ने प्रियंक कानूनगो के ट्वीट पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका ट्वीट बीजेपी की राजनीतिक मंशा से भरा हुआ है। एक वर्ग पर निशाना साधा जा रहा है। केंद्र में बीजेपी की सरकार है तो मुस्लिम संस्थाओं को मिलने वाला फंड रोकने की गुजारिश करें। साथ ही यह भी कहा कि मजहबी भेदभाव खत्म कर पुजारियों को भी सरकारी वेतन देने के लिए भी आवाज उठाएं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी और उनसे जुड़े पदों पर बैठे लोग सिर्फ धर्म पर राजनीति करते हैं।
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक