कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। भारत ने रक्षा अनुसंधान क्षेत्र में एक और नया मुकाम हासिल किया है। DRDE द्वारा कमांड सेंटर को सुरक्षित रखने वाले सेंसर का सफलतम परीक्षण किया है। ग्वालियर स्थित रक्षा अनुसंधान और विकास स्थापना (DRDE) लैबोरेट्री में यह टेस्ट हुआ है। DRDE के वैज्ञानिकों ने इसे टाइम लिमिट में करके दिखाया है। यह खराब मौसम या विपरीत हालातों में रासायनिक खतरों से सुरक्षा प्रदान कर सकेगा।
वैज्ञानिकों ने सफलतापूर्वक टेस्ट किया
दरअसल देश में रक्षा के क्षेत्र में जिस अग्नि प्राइम मिसाइल को रेल लांचर से लांच करने का नया इतिहास रचा गया है, इस मिसाइल और लांचर के कंट्रोल कमांड सेंटर को रासायनिक युद्ध अभिकारकों से सुरक्षित रखने वाले सेंसर का ग्वालियर स्थित अनुसंधान और विकास स्थापना के वैज्ञानिकों ने सफलतापूर्वक टेस्ट किया है। कई महीनों के लंबे समय में ग्वालियर स्थित DRDE की टीम ने इस सेंसर और डिटेक्टर्स पर काम किया। सेंसर और डिटेक्टर्स की टेस्टिंग के दौरान इस बात पर खास फोकस रखा गया कि हर मौसम या विपरीत हालातों में रासायनिक खतरों से पूरी तरह सुरक्षित रखा जा सके।
डीआरडीओ ग्वालियर एशिया की पहली प्रयोगशाला
DRDE के वैज्ञानिकों ने इसे टाइम लिमिट में करके भी दिखाया है। यह सेंसर इतने सक्षम और उच्च दक्ष होते हैं कि यदि कमांड सेंटर में कोई कॉन्टैमिनेटेड व्यक्ति प्रवेश करेगा तो उसकी भी पहचान कर लेते हैं। कमांड सेंटर अंदर और बाहर से सुरक्षित रहे इसको लेकर ऐसा किया जाता है। यह कमांड सेंटर पूरी तरह एनबीसी प्रोटेक्ट रहता है। बता दें कि एनबीसी के क्षेत्र में डीआरडीओ ग्वालियर एशिया की ऐसी पहली और विश्व की ऐसी दूसरी प्रयोगशाला है जो आइएसओ आईईसी 17025:2017 मानकों के अनुरूप है।

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