ज्ञाना चंद्रा, भोपाल। मध्यप्रदेश में ईवी पॉलिसी का टैक्स छूट पर लगी आपत्ति पर आज फैसला होगा। वित्त विभाग की इलेक्ट्रिक वाहनों पर नकद सब्सिडी और टैक्स में छूट को लेकर आपत्ति जताई है। वित्त विभाग ने कहा है कि भारी भरकम छूट से प्रदेश के खजाने पर विपरीत असर पड़ सकता है। मध्य प्रदेश बड़ी संख्या में चार्जिंग स्टेशन कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग के अलावा ईवी निर्माताओं को भी आकर्षित करने की तैयारी कर रही है।

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बता दें कि साल 2019 में बनी मध्यप्रदेश की ईवी नीति साल 2022 में खत्म हो गई थी। इसके बाद से ही नई पालिसी ड्राफ्ट पर काम हो रहा है और जनवरी में ही इसे अंतिम रूप दिया गया है। पर जब ये ड्राफ्ट सहमति के लिए सीनियर सेक्रेटरी समिति में गया तो वित्त विभाग ने तमाम तरह की छूट के प्रस्ताव पर आपत्ति लेते हुए प्रस्ताव पर सहमति नहीं दी। 5 साल में वाहन खरीदी, टैक्स में छूट और सस्ती बिजली आदि देने पर 5 सालों में लगभग 3000 करोड़ का भार सरकार पर आएगा। इसमें से 60 करोड़ सालाना सीधे वाहन खरीद की सब्सिडी पर खर्च होंगे। बाकी पुराने वाहन स्क्रैप करने, चार्जिंग स्टेशन को सस्ती बिजली देने, एक साल पार्किंग शुल्क से छूट देने और अन्य सुविधाएं देने पर खर्च होंगे।

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