उमेश यादव, सागर। पद्मश्री राम सहाय पांडे (Padma Shri Ram Sahai Pandey) का दो दिन पहले निधन हो गया। लेकिन वे कहते थे, ‘जब तक राई नृत्य करता रहता हूं थकान महसूस नहीं होती’। शायद यही कारण था कि, आईसीयू में भी जब उनका शरीर थकने लगा तो उन्होंने राई गाकर अपनी थकान दूर की। जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें वे अस्पताल में इलाज के दौरान भी राई गाने पर नृत्य की मुद्रा बनाते हुए नजर आ रहे हैं।

दिल की धड़कनों की चिंता किए बिना किया राई नृत्य

पद्मश्री राम सहाय पांडे के निधन के बाद अब उनका एक वीडियो सामने आया है। जिसमें उनकी नाक में ट्यूब, तो बायें हाथ में बीपी मापने का कफ, और दायें हाथ में कैनुला, पल्स ऑक्सीमीटर लगे होने के बावजूद पद्मश्री राम सहाय पांडेय राई गाने से नहीं थके। अंतिम समय में अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी उन्होंने राम सहाय राई को पूरी भाव-भंगिमाओं के साथ गुनगुनाते रहे। लेकिन इस बार उनके हाथ में मृदंग नहीं था, फिर भी उनके भाव वैसे ही थे। दिल की धड़कनों की चिंता किए बिना उन्होंने वही जोश के साथ राई नृत्य किया।

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अस्पताल में इलाज के दौरान भी वे राई गाने और नृत्य की मुद्रा बनाते हुए नजर आ रहे हैं। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा। बता दें कि, राम सहाय पांडे कुछ दिन से बीमार चल रहे थे। निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उन्होंने दुनियाभर में बुंदेलखंड के प्रसिद्ध राई नृत्य को अलग पहचान दिलाई थी।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

मंगलवार को पद्मश्री राम सहाय पांडे का निधन हो गया। राम सहाय का जन्म 11 मार्च 1933 में मध्य प्रदेश के सागर में हुआ था। उनके पिता लालजू पांडे एक किसान थे और राम सहाय पांडे चार भाइयों में सबसे छोटे थे। पांडे का राई नृत्य से पहला परिचय तब हुआ जब वह 14 वर्ष के थे। इस नृत्य शैली से मोहित होकर उन्होंने इसका अभ्यास करना शुरू कर दिया। मध्य प्रदेश में, राई का लोक नृत्य बेड़िया समुदाय से जुड़ा हुआ है।

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घूमने के दौरान बिगड़ी तबीयत

राम सहाय ने अपना पूरा जीवन राई नृत्य के अभ्यास और प्रदर्शन के लिए और नृत्य शैली को स्वीकृति और सम्मान दिलाने के लिए समर्पित कर दिया। उनकी कोशिशों से इस नृत्य शैली को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने में मदद मिली। बुंदेलखंड के प्रसिद्ध राई नृत्य में योगदान के चलते भारत सरकार ने साल 2022 में राम सहाय पांडे को पद्मश्री सम्मान से पुरस्कृत किया था। उन्होंने दुनिया के कई देशों में राई नृत्य की प्रस्तुतियां दी थी।

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