सुशील खरे, रतलाम। सिक्किम में पदस्थ लांस नायक शहीद कन्हैयालाल को बुधवार को उनके गृह गांव में सैन्य सम्मान के साथ नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई. अंतिम विदाई में सेना के अफसर, जवान, जन प्रतिनिधि और ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित थे. इस दौरान रतलाम जिले के जनप्रतिनिधियों सहित उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी.

आज सुबह रतलाम जिला चिकित्सालय से शहीद कन्हैया लाल का पार्थिव शरीर सेना के वाहन से उनके पैतृक गांव गुनावद पहुंचा. इस दौरान उनके साथ महू बटालियन की एक टुकड़ी भी शामिल थीं. सेना के वाहन के पीछे बड़ी संख्या में लोग चार पहिया और दो पहिया वाहनों पर चल रहे थे. उन्होंने अपनी गाडिय़ों पर तिरंगा लगा रखे थे और देशभक्ति के नारे लगा रहे थे. शहीद के पार्थिव शरीर के गांव पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया. पूरा गांव देशभक्ति के नारों से गूंज उठा. सैन्य टुकड़ी के द्वारा उन्हें गार्ड आफ ऑनर देकर सलामी दी गई. सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

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बता दें कि कन्हैया लाल जाट मात्र 32 साल की उम्र में मां भारती की सेवा करते हुए शहीद हो गए. वे अपने पीछे दादी, मां, पिता, भाई-बहन, पत्नी सहित दो पुत्रियां को छोड़कर चले गए. 22 तारीख से ही परिवार का रो रोकर बुरा हाल था. आज उन्होंने भारत मां के सपूत के अंतिम दर्शन किए. इस दौरान सभी की आंखें नम थीं.

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