नीरज काकोटिया, बालाघाट। जिले के कटंगी क्षेत्र के आम्बेझरी गांव में बाघ के हमले से घायल किसान की इलाज के दौरान मौत हो गई। मौत के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने शव को वाहन से उतारने से इंकार कर दिया। इस दौरान ग्रामीणों का वन विभाग अधिकारियों से जमकर विवाद हुआ यहां तक हाथापाई तक हो गई थी। हालात बिगड़ते देख मौके पर पहुंचे एसडीएम और पुलिस की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ।
डीएफओ और रेंजर के साथ ग्रामीणों का जमकर विवाद
आम्बेझरी गांव के 65 वर्षीय किसान सेवकराम गौपाले गुरुवार को मवेशी लेकर घर लौट रहे थे, तभी खेत में मौजूद बाघ ने उन पर हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल किसान को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान आज उसने दम तोड़ दिया। मौत के बाद गांव में आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों ने शव को वाहन से नहीं उतारने दिया और वन विभाग के अधिकारियों से बहस शुरू कर दी। इस दौरान डीएफओ अधर गुप्ता और रेंजर के साथ ग्रामीणों का जमकर विवाद हुआ।
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बाघ के हमले से चार ग्रामीणों की जान जा चुकी
ग्रामवासियों का आरोप है कि एक साल में बाघ के हमले से चार ग्रामीणों की जान जा चुकी है, लेकिन वन विभाग कार्रवाई करने के बजाय सिर्फ समझाइश में जुटा है। ग्रामीणों ने मृतक परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा देने और जंगल किनारे खेतों में फेंसिंग लगाने की मांग की। हालात बिगड़ते देख मौके पर पहुंचे एसडीएम ने ग्रामीणों को समझाइश दी और डीएफओ अधर गुप्ता ने आश्वासन दिया कि गश्त बढ़ाई जाएगी और सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे। समझाइश के बाद मामला शांत हुआ।
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