उज्जैन। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कबाड़ पर मिले किसान ऋृण माफी पत्र पर तीखा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि प्रमाण पत्र तांबे के हो या कागज के. सरकार ही पूरी झूठ पर खड़ी थी. आप न मेरी सुनों न ही कांग्रेस की. उन्होंने कहा कि एक ऐसा किसान लाकर बताओ, जिसका 2 लाख का कर्ज माफ हुआ हो.

यह है पूरा मामला

दरअसल शहर के बडनग़र मार्ग स्थित एक कबाड़ी को इंदौर के एक बैंक द्वारा रद्दी बेची गई. यह रद्दी एसीपी शीट पर बनी किसानों के जय किसान फसल ऋण माफी योजना के महंगे प्रमाण पत्रों की थी. इसे पहले की कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों को बांटने के लिए छपवाया गया था. शीट पर तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ की तस्वीर है. शीट पर लिखा बड़े शब्दों में किसान सम्मान पत्र है. पत्र के नीचे पूर्व सीएम कमलनाथ के हस्ताक्षर है.

जनता की कमाई की बर्बादी क्यों?

बता दें कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार किसानों के ऋण माफी के वायदे पर बनी थी. सबके ऋण 10 दिन में माफ की घोषणा किए थे. अब सवाल यह उठता है कि यदि सबके ऋण माफ हो गए, तो रद्दी में पड़े इन महंगे प्रमाण पत्रों के लिए जिम्मेदार कौन? यदि यह अतिरिक्त सम्मान पत्र है तो फिर जनता की कमाई की बर्बादी क्यों?

इसी मुद्दे पर कांग्रेस ने वाकआउट किया

कांग्रेस ने आज ही कर्ज माफी पर विधानसभा में हंगामा कर वाकआउट किया. इस मामले में कांग्रेस के प्रदेश सचिव कमल चौहान का कहना है कि योजना में प्रमाण पत्र ना बांटने के जिम्मेदारी तत्कालीन अधिकारियों की है. जिन्होंने काम को ठीक से नहीं किया. अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उन्होंने सरकार से इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है.

कांग्रेस सिर्फ झूठी राजनीति कर रही

कृषि मंत्री कमल पटेल ने जवाब देते हुए कहा कि मैं पहले किसान हूं, बाद में विधायक और मंत्री. विधायकों ने जो भी सुझाव दिए और मांग रखी हैं, मैंं उसे पूरा करने की कोशिश करूंगा. प्रदेश किसानों से ही आत्मनिर्भर होगा. हम छोटे किसानों की मदद कर रहे है. मंत्री ने कहा कि कर्ज माफी किसानों के लिए सिर्फ धोखा था. जिसे सरकार रहते हुए कांग्रेस ने पूरा नहीं किया. अब कांग्रेस सिर्फ झूठी राजनीति कर रही है.