अजय शर्मा, भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार जल्द ही जानलेवा साबित हो रहे ऑनलाइन वीडियो गेम (Online Video Games) पर प्रतिबंध लगाने जा रही है. ऑनलाइन गेमिंग ऐप के लिए राज्य सरकार ने गेमिंग ऐप रेगुलेटर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अधिनियम का पहला प्रारूप तैयार कर लिया गया है. इस संबंध में कानून भी बनाया जाएगा, ताकि कोई गेम उसके दायरे में ही बने. इसके लिए प्रदेश के अधिकारी तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कनार्टक जाएंगे और ऑनलाइन गेम एक्ट बनाने से पहले वहां लागू एक्ट का रिव्यू करेंगे.

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दरअसल, ऑनलाइन गेम बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं. गेम के चक्कर में कई बच्चों ने अपनी जान गंवाई है. राज्य सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग ऐप के लिए गेमिंग ऐप रेगुलेटर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अधिनियम ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. ऑनलाइन गेम एक्ट बनाने से पहले सरकार चार राज्यों में लागू एक्ट का रिव्यू कर रही है. प्रदेश के अधिकारी तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कनार्टक जाएंगे और वहां लागू एक्ट का अध्ययन करेंगे. चारों राज्यों के कानूनी मसौदे से एमपी में तैयार होने वाले मसौदे के कंटेंट लिये जाएंगे. बता दें कि ऑनलाइन गेमिंग ऐप को रेगुलेट कर एक्ट बनाने वाला मध्य प्रदेश देश का पांचवा राज्य होगा.

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5वीं के छात्र ने लगाई थी फांसी

बता दें कि राजधानी भोपाल (Capital Bhopal) में एक 11 साल के बच्चे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. बताया जा रहा है कि मासूम फ्री फायर ऑनलाइन गेम खेलने का आदि था. सूर्यांश ने घर की तीसरी मंजिल पर बॉक्सिंग टेरिस में फांसी लगा ली. इस घटना के बाद से ही सरकार सख्त हो गई है. उसने दादा के सोशल मीडिया अकाउंट से ऑनलाइन गेमिंग और खरीदारी की कई वेबसाइट सर्च की थीं. इस घटना के बाद गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने ऑनलाइन गेम्स को दायरे में लाने के लिए कानून बनाने की बात कही है.

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