कमल वर्मा, ग्वालियर। देश में संभवतः पहली बार गौशाला में वैदिक रीति रिवाज से शादी समारोह का आयोजन होने जा रहा है। अमूमन लोग शादी किसी डेस्टिनेशन वेडिंग और या फिर आलीशान मैरिज गार्डन में करते हैं। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी गौशाला में भी शहनाइयां गूंजेगी। इसकी शुरुआत 22 जनवरी से होने जा रही है। 22 जनवरी अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का दिन है। पिछले साल 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम मंदिर में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी।
और इसी दिन ग्वालियर के शिवम सिंह गौर विवाह बंधन में बंधने जा रहे हैं।

साधू संत बनेंगे साक्षी

इस विवाह समारोह को खास और ऐतिहासिक बनाने के लिए गौशाला को चुना है। शिवम गौर गौसेवक हैं। उनकी शादी उत्तर प्रदेश के महोबा की रहने वाली अंजलि राजावत से होगी। शादी में मध्य प्रदेश के सभी साधु संतों को आमंत्रित किया है इसके अलावा उन्होंने देश के अलग-अलग राज्यों के बड़े-बड़े संतों को बुलावा भेजा है। जो इस शादी के साक्षी बनेंगे। वधू पक्ष के परिवार सहित कुल 500 मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। इस विवाह समारोह के दौरान गौशाला की 500 गायों के लिए भंडारा भी आयोजित किया जाएगा। विवाह वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ संपन्न होगा। तानसेन की नगरी में इस विवाह में शहनाई वादन और सांस्कृतिक झलकें आकर्षण का केंद्र होंगी।

विवाह की थीम

शिवम सिंह गौर दूल्हा ने कहा कि- घास-फूस की कुटिया। बैलगाड़ी से बारात का आगमन एवं डोली से विदाई। पुराने दिनों की यादें। खास बात यह है कि पूरी शादी ऊर्जा की बचत का भी संदेश देगी, विवाह समारोह का आयोजन दिन में होगा, और विदाई भी गोधूलि बेला में होगी। कार्यक्रम में जैविक एवं मोटे अनाज से बना भोजन मेहमानों को परोसा जाएगा। सभी को बैठाकर जमीन पर भोजन कराया जाएगा। आयोजन में मेहमानों का ड्रेस कोड सभी आगंतुक भारतीय वेशभूषा में आएंगे।

गौशाला में शादी के लिए लोग उत्सुक

अंशुमन सिंह सेंगर, सेवादार गौशाला ने कहा कि- आयोजन से पहले ही यह शादी चर्चा में है। इस तरह की शादी की थीम सुनकर पूरे देश से गौशाला में शादी करने की लोगों में होड़ मच गई है। गौशाला प्रबंधन को दूर-दूर से शादी के लिए आवेदन आ रहे हैं। पंजाब और साउथ इंडिया अलग-अलग शहरों से गौशाला में शादी करने के लिए लोगों ने अपनी उत्सुकता जाहिर की है।

हिंदू धर्म में गौमाता का महत्वपूर्ण स्थान

ऋषभ देव आनंद महाराज, गौशाला प्रबंधक ने कहा कि- कुल मिलाकर शादी समारोह एक पवित्र यज्ञ की तरह होता है। ईश्वर को साक्षी मानकर ही दूल्हा दुल्हन सात फेरे लेते हैं। हिंदू धर्म में गौमाता का महत्वपूर्ण स्थान है। जन्म मरण से लेकर मोक्ष प्राप्ति तक में गौ माता का आशीर्वाद बेहद महत्वपूर्ण है। इसीलिए गौशाला जैसे पवित्र स्थल को शिवम सिंह गौर ने अपनी विवाह के लिए चुना है। उनके इस वैवाहिक कार्यक्रम को देखने के लिए लोग अभी से उत्साहित नजर आ रहे हैं।

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