विजेंद्र सिंह राणा, सीहोर। एक ओर केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान चला रही है. वहीं एक ओर राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा के गृह जिले सीहोर में वन विकास निगम सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहा है. वन विकास निगम ने साल 2022 में करोड़ों की लागत से अलग-अलग परिक्षेत्र में सागौन सहित अन्य प्रकार के पौधे लगाए गए थे. लेकिन उन जगहों पर अब पौधे नहीं हैं. इतना ही नहीं पौधे लगाने के लिए जो गड्ढे खोदे गए थे. उन स्थानों पर गड्ढे भी नहीं हैं. न ही गढ्ढों के अंदर पौधे हैं.

साल 2022 में परियोजना परिक्षेत्र आष्टा कक्ष क्रमांक आरएफ134A,136,134,123,124 में लगभग 500 हेक्टेयर भूमि पर 7 लाख पौधे लगाए गए थे. लेकिन वर्तमान समय में इस स्थान पर पौधों की संख्या केवल 3 लाख 25 हजार 548 है. मतलब अब 3 लाख 74 हजार 52 पौधे नहीं हैं. जबकि सरकार वन विकास निगम को प्रत्येक पौधे की सुरक्षा के लिए राशि देती है.

इसी प्रकार परिक्षेत्र इच्छावर में आरएफ 225, 226, 289, 228, 221, 291A, 291B में लगभग 670.0 हेक्टेयर भूमि पर 8 लाख 96 हजार पौधे लगाए गए थे. लेकिन वर्तमान समय में इस स्थान पर पौधों की संख्या केवल 2 लाख 45 हजार 335 है. मतलब अब 6 लाख 50 हजार 665 पौधे नहीं हैं.

इतना बड़ा भ्रष्टाचार होने के बाद भी दोषी वन विकास निगम के कर्मचारी और अधिकारियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इस पूरे मामले पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष राजीव गुजराती ने कहा कि वन विकास निगम के पास हर साल लाखों पौधे लगाने का लक्ष्य आता है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार वन विकास निगम को अच्छी राशि भी उपलब्ध कराती है.

जिला अध्यक्ष ने कहा, बीते कई सालों से इस मामले में भ्रष्टाचार हो रहा है. सरकार के अधिकारी-कर्मचारी भ्रष्टाचार कर रहे हैं. लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. वहीं वन विकास निगम के संभागीय प्रबंधक ने कहा कि वन विभाग पूरे मामले की जांच की है. जो रिपोर्ट पाई गई है वह शासन को भेज दी गई है. जो भी नाम अनुसार कार्रवाई होगी. वह शासन करेगी.

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