सुधीर दंडोतिया, भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री और नौ बार के सांसद कमलनाथ के लिए जनसेवा ही जीवन का एकमात्र उद्देश्य है। स्व. इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे माने जाने वाले कमलनाथ के जन्मदिन पर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर निगाहें डालें तो पिछले 45 वर्ष से छिंदवाड़ा और मध्यप्रदेश की राजनीति में सक्रिय कमलनाथ मितभाषी और मृदुभाषी नेताओं में से एक हैं। भारतीय राजनीति के शीर्ष चार नेताओं में शामिल होने के बाद भी उदारता और सहजता उनका स्वभाव है। उनके चाहने वाले तो आज भी उन्हें वर्तमान युग का दानवीर कर्ण ही मानते हैं।
देश और दुनिया छिंदवाड़ा मॉडल के नाम
कमलनाथ के सार्वजनिक जीवन पर दृष्टि डालें तो उनका बुनियादी लक्ष्य हमेशा से यही रहा है कि समाज के सबसे कमजोर लोग, सबसे कमजोर इलाके और सबसे कमजोर वर्ग को किस तरह से अधिक से अधिक फायदा पहुंचाया जा सके। वह भी इस तरह कि लाल फीताशाही की भूमिका न्यूनतम हो जाए। इसी लक्ष्य को निगाह में रखकर उन्होंने जन कल्याण का जो मॉडल अपनाया उसी को आज देश और दुनिया छिंदवाड़ा मॉडल के नाम से जानती है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का जाल बिछाया
केंद्र की राजनीति में अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली पदों पर रहते हुए कमलनाथ ने अपनी भूमिका सिर्फ यहां तक सीमित नहीं की कि वे छिंदवाड़ा और मध्य प्रदेश में महत्वपूर्ण सरकारी परियोजनाएं पहुंचा दें, उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि वह परियोजनाएं बहुत तेजी से लोगों के पास पहुंचे और उनका स्वरूप इस तरह का हो कि वे भविष्य में भी रोजगार और विकास का सृजन करती रहे। जैसे, जब उन्होंने छिंदवाड़ा और आसपास के क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का जाल बिछाया तो उनकी निगाह में यह बात रही कि सड़क लोगों को आवागमन में तेजी तो उपलब्ध कराएंगी ही साथ ही इनके निर्माण कार्य में स्थानीय लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा
बड़ी निजी कंपनियों को स्थापित कराया
और सबसे बढ़कर छोटे-छोटे गांव से लेकर कस्बों तक और बड़े शहरों तक आर्थिक गतिविधि में तेज आएगी, जो पूरे इलाके की आर्थिक समृद्धि में और खुशहाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई की। इसी तरह 1980 के दशक में ही उन्होंने इस बात की कल्पना कर ली थी कि आने वाले समय में समाज और देश के आर्थिक विकास में निजी क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान होगा। इसीलिए उन्होंने बड़ी-बड़ी निजी कंपनियों की उत्पादन इकाइयों को छिंदवाड़ा और आसपास के इलाकों में स्थापित कराया,
नेशनल हाईवे और रेल मार्ग से जोड़ा
जिससे रोजगार का स्थाई साधन छिंदवाड़ा की जनता के लिए उपलब्ध हुआ। यह दोनों काम करते हुए भी उन्होंने यहां की परंपरागत कोयला खदान को पहले से ज्यादा मजबूत किया और जब तक उनकी औद्योगिक उपयोगिता रही तब तक इन कोयला खदानों ने नए छिंदवाड़ा को गढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। छिंदवाड़ा से नेशनल हाईवे और रेल मार्ग जोड़ना भी कमलनाथ की इसी विकास दृष्टि का परिचायक है। इन्हीं सब पहलुओं को मिलाकर छिंदवाड़ा मॉडल का विकास हुआ है।
कमलनाथ जब दिसंबर 2018 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो अपनी इसी जनकल्याणकारी दृष्टि को उन्होंने मध्य प्रदेश के समग्र विकास पर केंद्रित किया। उन्होंने सबसे पहले फैसला यह किया कि मध्य प्रदेश के किसानों का कर्ज माफ किया जाए। जब किसान कर्ज के बोझ से मुक्त हो जाएंगे तो उनकी आमदनी बढ़ेगी और उनके पास जो सर प्लस पैसा आएगा उससे वे खरीदारी करेंगे। जीवन स्तर को सुधारेंगे। इस तरह से पूरे मध्य प्रदेश की आर्थिक गतिविधि को नई ऊंचाई मिलेगी।
27 लाख किसानों का कर्ज माफ
जब बैंकों ने किसानों का कर्ज माफ करने में ना-नुकुर की तो कमलनाथ ने अपने लंबे प्रशासनिक अनुभव के आधार पर ऐसी चाणक्य नीति का परिचय दिया कि बैंक बड़ी आसानी से कर्ज माफ करने के लिए तैयार हो गए और सरकारी खजाने पर ज्यादा बोझ भी नहीं पड़ा। सरकार बनने के तुरंत बाद उन्होंने 27 लाख किसानों का कर्ज माफ कर दिया और अगर सरकार नहीं गिराई जाती तो मध्य प्रदेश के करीब 3 करोड़ किसानों का कर्ज़ वर्ष 2021 तक माफ हो चुका होता।
1000 गौशालाओं के निर्माण के आदेश
किसानों के साथ ही कमलनाथ ने शहरी नागरिकों के लिए बिजली के बिल सस्ते कर दिए और ₹100 में 100 यूनिट बिजली उपलब्ध कराकर एक किस्म का चमत्कार कर दिया। उनकी दृष्टि समाज के वंचित वर्गों पर पड़ी और वृद्ध, विधवा, विकलांग तथा अन्य तरह की पेंशन को उन्होंने तुरंत दोगुना कर दिया।हनुमान जी के भक्त कमलनाथ के लिए धर्मार्थ कार्य भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसीलिए उन्होंने अपने कार्यकाल में राम वन गमन पथ, महाकाल कॉरिडोर, ओरछा के राम राजा मंदिर के लिए विशेष प्रावधान किया तथा गौ माता की रक्षा के लिए 1000 गौशालाओं के निर्माण के आदेश दिए।
सामाजिक न्याय उनके लिए हमेशा प्राथमिकता
बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए बेरोजगारी भत्ता देना चाहते थे और उसके साथ ही उन्होंने बड़े पैमाने पर सिंगल विंडो सिस्टम के आधार पर प्रदेश में ऐसी औद्योगिक इकाइयों की स्थापना का खाका तैयार कर लिया था जो बड़े पैमाने पर मध्य प्रदेश के नौजवानों को सम्मानजनक रोजगार दे। सामाजिक न्याय उनके लिए हमेशा से शीर्ष प्राथमिकता रहा है इसलिए कमलनाथ जी की सरकार ने एक तरफ तो अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए प्रदेश में 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया और दूसरी ओर आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लिए 10% आरक्षण की व्यवस्था की।
मध्यप्रदेश और छिंदवाड़ा की सेवा में संलग्न
कमलनाथ के जन हितैषी कार्यों से जनता में हर्ष की लहर दौड़ गई और मध्य प्रदेश विकास के राजमार्ग पर सरपट दौड़ने लगा। इससे विरोधी दलों में खलबली मच गई और फिर कुछ गद्दारों के सहयोग से विपक्षी दलों ने कमलनाथ सरकार गिरा दी। लेकिन इससे उनके जन कल्याण के इरादे पर कोई फर्क नहीं पड़ा और वह एक विधायक और समाजसेवी के रूप में आज भी मध्य प्रदेश और छिंदवाड़ा की सेवा में संलग्न है।
संस्था का जन्मदिन
चाहे दिल्ली हो भोपाल हो या छिंदवाड़ा आज भी अगर कोई जरूरतमंद अपना कोई भी काम लेकर कमलनाथ के पास जाता है तो भी यथाशक्ति उसकी मदद करने की न सिर्फ कोशिश करते हैं बल्कि मदद प्रदान भी करते हैं। इसलिए उनका जन्मदिन सिर्फ एक व्यक्ति का जन्मदिन नहीं है बल्कि ऐसी विचारधारा और संस्था का जन्मदिन है जिसे अपना संपूर्णए जीवन जन-जन की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है।
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