शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में बालगृह चलाने वाले स्वयं सेवी संस्था (एनजीओ) की फंडिंग पर रोक लगेगी। केंद्र सरकार की तरफ से मिलने वाला फंड अब बालगृह को नहीं मिलेगा। प्रदेश में 200 से अधिक बालगृह, बालिका गृह, ओपन शेल्टर और शिशुगृह केंद्र से मिलने वाली फंडिंग से संचालित हो रहे है। केंद्र सरकार के फैसले से प्रदेश के करीब 28 हजार बच्चे प्रभावित होंगे।

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दिल्ली में हुई प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। बैठक में मध्यप्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसर भी शामिल हुए थे ।राज्य सरकार या खुद एनजीओ को अपने खर्चे से बालगृह संचालित करने होंगे। अगले वित्तीय वर्ष से इस पर रोक लगेगी। राष्ट्रीय बाल आयोग ने कई बालगृह पर सवाल उठाए थे। दमोह, इंदौर समेत कई बालगृह को लेकर राष्ट्रीय बाल आयोग ने केंद्र सरकार को रिपोर्ट दी थी। बालगृह अब राज्य सरकार या निजी तौर पर संचालित हो सकेंगे।

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